राजनेताओंकी धार्मिकता, निकटवर्ती राममन्दिरकी उपेक्षा की, परन्तु मतदान आते ही पहुंचे अयोध्या !


नवम्बर २४, २०१८

एक ओर जहां अयोध्यामें पहुंचे उद्धव ठाकरे राम मंदिरके निर्माणकी तिथि पूछ रहे हैं, तो दूसरी ओर मुम्बईमें कुछ रामभक्त उद्धव ठाकरेसे क्रोधित भी हैं ! मुम्बईके बांद्रामें कलानगर, जहांपर उद्धव ठाकरेका निवास स्थान है, यहांसे १ किलोमीटरकी दूरीपर एक राम मंदिर ऐसा भी है, जहां लोगोंको उद्धव ठाकरेका मंदिरमें आनेका गत दो दशकोंसे प्रतिक्षा है !

बांद्रा पूर्वके खेरवाडी क्षेत्रमें स्थित मंदिरके पुजारी गत १८ वर्षोंसे इस देवालयमें अपनी सेवा दे रहे हैं । इनका कहना है कि कमसे कम गत १८ वर्षोंमें उद्धव ठाकरे या उनके परिवारका कोई सदस्य इस मंदिरमें भगवान रामके दर्शन करने कभी नहीं आया ! यहां तक कि गत कई मतदानके समय उद्धव ठाकरे इस मंदिरके आसपासके क्षेत्रोंमें प्रचारके लिए तो आए, किन्तु दर्शन करने कभी मंदिरके भीतर तक नहीं आए !

शिवसेनाके कुछ कार्यकर्ता तो इस मंदिरके ट्रस्टमें सदस्य भी हैं, इसके पश्चात भी मंदिरमें उद्धव ठाकरे कभी नहीं पहुंचे ! मंदिरके पुजारी कहते हैं कि उन्हें यह जानकर बहुत दुःख होता है कि एक ओर उद्धव ठाकरे अपने घरसे केवल १ किमी दूर राम मंदिरके दर्शन करने तो कभी नहीं आए, परन्तु मतदानसे ठीक पूर्व उन्हें एकाएक रामका स्मरण होता है और वे १५०० किमी दूर अयोध्या चले जाते हैं !!

एक ओर जहां शिवसेना, उद्धव ठाकरे अपने सहस्त्रों कार्यकर्ताओंके साथ लाखों-करोडों रुपए यय कर अयोध्यामें अपनी राम भक्ति दिखाते हुए ‘श्रीराम – जय राम’के उद्घोष कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर यह राम मंदिर वीरान पडा है और दशकोंसे उनके आनेकी प्रतिक्षा कर रहा है !

 

“ निकटवर्ती देवालयका तिरस्कार कर मतदान आते ही अयोध्या पहुंचने वालोंपर श्रीरामकी कृपा कभी होगी क्या ? वस्तुत: यही राजनीति है, जिसका धर्मसे कोई सरोकार नहीं है; क्योंकि जहां लोभ और वासना प्रधान होती है, वहां धर्म आएगा भी तो कैसे ? स्वतन्त्रता पश्चात यदि एक भी दलने योग्य प्रकारसे धर्मपालन  व अनुसरण व रक्षाके उपाय किए होते तो आज हिन्दुओंकी इतनी दुर्गति न होती !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : जी न्यूज



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