अगस्त ११, २०१८
संयुक्त राष्ट्रने भारत और भारतीय लोगोंको एक उपहार दिया है । संयुक्त राष्ट्रने अपनी प्रायोगिक परियोजनाके (पायलट प्रोजेक्ट) अन्तर्गत अपने मंचसे हिन्दीमें साप्ताहिक समाचार पत्रिकाका आरम्भ किया है ! भारतीय विदेशी मन्त्री सुष्मा स्वराजने इसकी जानकारी दी ।
साथ ही उन्होंने इस बातपर भी बल दिया कि शासन हिन्दीको इस वैश्विक संगठनकी आधिकारिक भाषा बनानेपर भी बल दे रही है । स्वराजने जानकारी दी कि संयुक्त राष्ट्रने हिन्दीमें ‘ट्विटर’ खाता भी आरम्भ किया है, जिसके द्वारा वह हिन्दी भाषी जनसंख्याको अपने समाचारों और योजनाओंके बारेमें बताएंगी ।
समाचार माध्यमोंसे वार्ता करते हुए सुष्मा स्वराजने कहा, “प्रायोगिक परियोजनाके अन्तर्गत २२ जुलाईसे हिन्दीमें साप्ताहिक समाचार पत्रिकाका प्रसारण आरम्भ हुआ है ।” उन्होंने जानकारी दी यह पत्रिका प्रत्येक सप्ताह यूएनके रेडियोपर प्रसारित होगी और इसकी अवधि १० मिनटकी होगी ।
समाचार माध्यमोंसे वार्ता करते हुए विदेश मन्त्रीने बताया कि सम्पूर्ण विश्वके हिन्दीभाषी इस पत्रिकाका लाभ उठा सकते हैं । यह पत्रिका भारतीय शासनकी सहायतासे प्रसारित किया जा रहा है और इसका व्यय भारतीय शासन उठा रहा है । उनके अनुसार यह छोटे और विकासशील देशोंके लिए सहायक प्रस्ताव है ।
सुष्मा स्वराजने कहा कि भारतीय शासन हिन्दीको यूएनकी एक आधिकारिक भाषा बनानेके लिए पूर्ण रूपसे प्रतिबद्ध है । उन्होंने कहा कि भारतके लिए १९३ देशोंमें से १२९ की सहमति प्राप्त करना कोइ कठिन बात नहीं है । भारत इसे सरलतासे प्राप्त कर लेगा ।
उन्होंने कहा कि जो देश इस प्रस्तावको समर्थन देते हैं, उन्हें इसके लिए वित्तीय रूपसे भी सहायता प्रदान करनी होगी । सारा प्रकरण यहीं आकर फंस जाता है । उन्होंने कहा कि भारत हिन्दीको आधिकारिक भाषा बनानेका पूरा व्यय वहन करनेके लिए सज्ज है, परन्तु यूएनके नियम इसमें परेशानी पैदा कर रहे हैं ।
सुष्मा स्वराजने जानकारी दी कि जर्मनी और जापान भी अपनी अपनी भाषाओं ‘जर्मन और जैपनीज’को आधिकारिक भाषाका रूप दिलानेका पूरा व्यय वहन करनेके लिए सज्ज हैं । उन्हें भी यूएनके यही नियम रोक रहे हैं ।
स्रोत : इकोनॉमिक टाइम्स
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