ईसाई लडका-मुसलमान लडकी, सनातन धर्ममें ‘वापसी’कर लिए सात फेरे, बरेलीके अगस्त्य मुनि आश्रममें हुआ विवाह
१ अप्रैल, २०२२
उत्तर प्रदेशके बरेली जनपदमें एक ईसाई लडके और मुसलमान लडकीने हिन्दू विधि-विधानसे विवाह किया है । विवाह बुधवारको (३० मार्च २०२२ को) बरेलीके अगस्त्य मुनि आश्रममें सम्पन्न हुई । हिन्दू संगठनके लोग इस समारोहमें सम्मिलित हुए । कन्यादान मन्दिरके महन्तने किया । मन्दिरके महन्त केके शंखधरने इसकी जानकारी दी है ।
‘मीडिया’ विवरणके अनुसार ईसाई वरका नाम सुमित और मुसलमान वधूका नाम नूर बी है । सुमित बरेली और नूर बी पीलीभीतकी रहनेवाली है । दोनों १२वीं कक्षासे एक-दूसरेसे परिचित थे । कालान्तरमें जब विवाहका निर्णय किया तो धर्मके आधारपर उनका विरोध हुआ । सुमितको सनातन संस्कार प्रिय थे; इसलिए उसने नूरसे हिन्दू बन विवाहका प्रस्ताव रखा । इस प्रस्तावको नूरने तुरन्त मान लिया ।
विवाहके पश्चात सुमित और निशाने सनातन धर्मके संस्कारोंको पालन करनेका संकल्प लिया । निशाने बताया, “मैं वयस्क हूं । सभी निर्णय सोच-समझकर लिए हैं । मैं अपने पतिके साथ दूर किसी अन्य नगरमें जाकर सुखसे रहूंगी । मैं मां दुर्गाकी भक्त हूं । आनेवाले नवरात्रसे मैं उनका व्रत भी रखूंगी ।”
इस विवाहको करवानेवाले अगत्स्य मुनि आश्रमके महन्त केके शंखधारको हत्याकी धमकी मिल रही है । महन्तने बताया कि यह धमकी ‘जैश-ए-मोहम्मद’का नाम बताकर दी जा रही है ।
जहां एक ओर, पाश्चात्योंका अनुसरणकर तथाकथित हिन्दू विदेश जाकर विवाह कर रहे हैं । ऐसेमें नूर और सुमितका यह विवाह, समाजके अन्य पन्थोंके लिए एक उदाहरण है । हिन्दुओंको इनका संरक्षण करना चाहिए । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
स्रोत : ऑप इंडिया
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