जनवरी २, २०१८
अंग्रेजी नव वर्ष २०१९ के अवसरपर उत्तर प्रदेशमें ३१ दिसम्बरकी रात्रि ५० लाख लीटर मद्यका सेवन किया गया । समाचार विभाग ‘आईएएनस’के अनुसार, अधिकारीने बताया कि २०१९ के पूर्व दिवस मद्य विक्रयकी सूचनाएं एकत्र की जा रही है । संख्या बताती हैं कि दुकानोंपर ३१ दिसम्बरको मद्यविक्रय लगभग दोगुणा रहा ! विशेष बात यह है कि इसमें घरों व विश्रामालयोंमें लोगोंद्वारा पी गई मद्य सम्मिलित नहीं है !!
ब्यौरेसे ज्ञात होता है कि भारतीय निर्मित विदेशी मद्यकी (आईएमएफएल) १८ लाख बोतलें विक्रय हुईं और ‘बीयर’की २३ लाख ! ‘एक्साइज’ (आबकारी) विभागने बताया कि गत वर्ष नववर्षकी पूर्व संध्यापर विक्रयकी तुलनामें इस वर्ष वृद्धि देखी गई ।
“अर्धरात्रिके तामसिक कालसे बिना किसी प्राकृतिक परिवर्तनके, जिसका प्रमाण स्वयं प्रकृति है, अशास्त्रीय व निराधार तदाकथित नव-वर्षके लिए कोट्यावधि रूपये विषपर बहाने वाले भारतीयोंसा मूढ कोई होगा क्या ? भारतमें नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदासे आरम्भ होता है, जिसका प्रमाण स्वयं प्रकृति देती है, जब सब कुछ नवीन होता है, इतना सुदर शास्त्रीय विधान छोडकर असुरोंद्वारा संचालित विज्ञानको मानना कहांकी बुद्धिमता है ? स्वार्थ व मदमें उन्नमत जनता तनिक राष्ट्रका व हमारे महान पूर्वजोंकी गरिमाका भी विचार करें व ऐसी आसुरी पद्धतिको छोड देवत्वपूर्ण हिन्दू नववर्षको ही सात्विक ढंगसे मनाएं !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : आजतक
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