भारतसे चोरी हुई ८०० वर्ष प्राचीन मूर्तियां अमेरिकाने लौटाई


सितम्बर ६, २०१८

दो अमेरिकी संग्रहालयोंमें प्रर्दिशत भारतसे चुराई सहस्त्रों डॉलरकी दो प्राचीन मूर्तियां अमेरिकाने भारतको लौटा दी हैं । प्रथम मूर्ति ‘लिंगोधभव मूर्ति’ १२वीं शताब्दी की है । भगवान शिवकी ग्रेनाइटसे निर्मित यह ऐतिहासिक मूर्ति चोल कालकी है ! इसका मूल्य २२५००० डॉलर आंका गया है । इसे तमिलनाडुसे चुराया गया था और अलबामाके बर्घिमम संग्रहालयमें प्रर्दिशत किया गया था । द्वितीय मूर्ति बोधिसत्व ‘मंजूश्री’की है । उसके हाथमें तलवार है और मूर्ति स्वर्णके रंगमें रंगी है । १२वीं शताब्दीकी यह फिलाइट मूर्ति १९८० के दशकमें बिहारमें बोधगयाके समीप एक मन्दिरसे चुराई गई थी । इसका वर्तमान मूल्य लगभग २८५००० डॉलर आंका गया है ! इसे उत्तरी कैरोलीना विश्वविद्यालयके ‘आकलैण्ड आर्ट संग्रहालय’से प्राप्त किया गया है । ये मूर्तियां न्यूयार्कमें वाणिज्य दूतावासमें एक कार्यक्रममें भारतके महावाणिज्य दूत सन्दीप चक्रवर्तीको मैनहट्टन प्रान्त आर्टनी साइरस वेंस जूनियरने सौंपीं । उत्तराखण्डके बैजनाथके चक्रवर्तेश्वर मन्दिरसे १९६९ के पश्चात चोरी की गई थी ।

इससे पूर्व न्यूयार्कके ‘मेट्रोपोलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट’ने भी भारत से चुराई गई, दो ऐतिहासिक धरोहरोंको दिल्ली आकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षणको सौंपा है । इसमें दुर्गा महिषासुर मर्दिनी व देवताका सिर सम्मिलित है । १० अगस्तको ‘मेट्रोपोलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट’के अधिकारी दो ऐतिहासिक मूर्तियोंको अपने व्ययपर वापस ले आए । इन मूर्तियोंसे पूर्व भी हमारे देशकी धरोहर मूर्तियोंको विदेश संग्रहालयोंने वापस लौटाया है ।

स्रोत : जनसत्ता



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