कृतध्न कश्मीरी राष्ट्र गानके समय नहीं हुए खडे !
जम्मू-कश्मीरकी ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगरके बख्शी स्टेडियममें आयोजित स्वतंत्रता दिवसके मुख्य कार्यक्रममें अधिकतर लोग राष्ट्रगानके सम्मानमें खडे नहीं हुए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्तीद्वारा ध्वजारोहण किए जानेके पश्चात् मात्र उच्च न्यायालयके न्यायधीश, विधायक , प्रशासनिक पदाधिकारी गण और राजनीतिक दलोंके पदाधिकारी सहित अन्य गणमान्य लोग राष्ट्रगानके सम्मानमें खडे हुए |अठारह सहस्त्रकी क्षमता वाले इस स्टेडियममें मात्र तीन सहस्त्र दर्शक ही उपस्थित थे और उनमें अधिकांश निर्लज्ज समान राष्ट्रगानके समय बैठे रहे |
ऐसे कृतघ्न कश्मीरीको बाढ-भूकम्प आदि प्राकृतिक आपदाके समय किसी भी प्रकारकी सैन्य और आर्थिक सहायता नहीं देनी चाहिए और उन्हें पाकिस्तानसे ही सहायता मांगनी चाहिए | खायेंगे भारतकी और गायेंगे पाकिस्तानकी यह अब नहीं चलेगा ! इनकी इस प्रवृतिको देखकर अनुच्छेद ३७० और ३५ ए को शीघ्र अति समाप्त करना अब और भी अत्यधिक आवश्यक हो गया हैं ! हिन्दुओ ! इन दोनों धाराओंको समाप्त करने हेतु सम्पूर्ण भारत में आन्दोलन करें ! ऐसे कृतध्न कश्मीरी मुसलमान किसी भी प्रकारकी विशेष सुविधाके अधिकारी नहीं ! (१६.८.२०१७)
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