कश्मीरमें आतंककी ओर प्रवृत्त हो रहे हैं वहांके उच्च शिक्षित युवा !
कश्मीरमें सुरक्षा संस्थानोंद्वारा एकत्रित किए गए आकंडें बहुत ही भयावह स्थिति उद्घाटित कर रहे हैं । अब वहांका स्थानीय उच्च शिक्षित युवा वर्ग आतंकके मार्गको अपना रहा है, जो मात्र बडी चुनौती ही नहीं है; अपितु चिन्ताका विषय भी है । सर्वेक्षण बताते हैं कि आंतकवादी बुरहान वानीकी सुरक्षाबालोंके हाथों मृत्युके पश्चात् एक वर्षमें जिन ६७ नवयुवकोंने आतंकका मार्ग चुना है, उनमें अधिकांश उच्च शिक्षित हैं, जिनमें कुछ विद्यावाचस्पति (पीएचडी) या चिकित्सा या अभियान्त्रिकीकी शिक्षाके क्षेत्रसे हैं । यद्यपि इनमें १० लोग सुरक्षाबलोंके साथ मुठभेडमें अबतक मारे गए हैं एवं पांचको बन्दी बनाया गया है । इन युवाओंको आंतकवादी संगठन, अन्तर्जाल (इन्टरनेट) एवं सामाजिक प्रसार माध्यमोंसे (सोशल मीडिया) दिशाभ्रमित करते हैं । इस स्थितिसे निपटने हेतु राज्य एवं केन्द्र शासनने त्वरित कठोर उपाययोजना निकालना चाहिए अन्यथा युवाशक्तिके भटक जानेपर कश्मीरकी स्थितिको नियन्त्रित करना अत्यधिक कठिन हो जाएगा । सर्वप्रथम, वहां विद्यालय एवं महाविद्यालय तथा अन्य शिक्षण संस्थानोमें राष्ट्रप्रेमको जागृत करने हेतु विस्तृत कार्यक्रम आरम्भ करने चाहिए तथा अन्तर्जाल एवं सामाजिक प्रसार माध्यमों (सोशल मीडिया) को, स्थिति सामान्य होनेतक विद्यार्थियों एवं जन सामान्यके लिए पूर्णत: प्रतिबन्धित करना चाहिए ! (२.६.२०१७)
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