उत्तिष्ठ कौन्तेय !


एक और कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारीको अपनी कर्तव्यपालन करनेपर मिला स्थानान्तरणका दण्ड
कर्नाटक शासनने (सरकारने) डी रूपाका स्थानान्तरण यातायात विभागमें मात्र इसलिए कर दिया; क्योंकि उन्होंने बेंगलुरु केन्द्रीय कारागार (सेंट्रल जेलमें) एआइएडीएमके नेता शशिकलाको मिलनेवाली सुविधाका रहस्योद्घाटन किया था ।
यह प्रथम बार नहीं हुआ है कि इस देशके सजग, राष्ट्रनिष्ठ, कर्तव्यपरायण प्रशासनिक अधिकारीको इसप्रकारका दण्ड भोगना पडा हो | इस देशमें जब भी कोई कर्तव्यनिष्ठ, सदाचारी प्रशासनिक अधिकारीने किसी भी भ्रष्ट नेताके विरुद्ध कुछ भी कार्यवाही की है या उसके किसी गुप्त कुकृत्योंको समाजमें उजागर किए हैं तो उन्हें पारितोषिकके (इनामके) स्थानपर, उपेक्षित स्थान या विभागमें स्थानान्तरणका दण्ड भोगना पडा है |
यह इस देशकी विडम्बना ही है कि अनपढ, मूर्ख, भ्रष्ट, अपराधी एवं कर्त्तव्यच्युत राष्ट्रद्रोही प्रवृत्तिके राजनेताओंके विरुद्ध कार्यवाही करनेका परिणाम एक कर्त्तव्यनिष्ठ, उच्च शिक्षित एवं कठोर परीक्षाको उत्तीर्ण कर प्रशासनिक अधिकारी बननेके पश्चात् भोगना पडता है | ऐसे सभी सदाचारी अधिकारियोंको आगामी हिन्दू राष्ट्रमें यथोचित सम्मान एवं उच्च पद दिया जाएगा; अतः जनता ऐसे अधिकारियोंकी सूची अवश्य सिद्ध (तैयार) रखे, जिसे आप हिन्दू राष्ट्र, जो २०२३ के पश्चात् आरम्भ होगा, उसमें उस कालके राज्यकर्ताओंको दें, जिससे उन सबके साथ उचित न्याय हो सके ! (१८.७.२०१७)



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