उत्तिष्ठ कौन्तेय !


रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडियाके मुखिया और केंद्रीय मंत्री रामदास अ­­ठावले ने राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’को लेकर राष्ट्रद्रोही वक्तव्य दिया है । अठावलेने कहा कि राष्ट्रीय गीतका विषय जानबूझकर कुछ सम्प्रदायोंके मध्य विवाद निर्माण करनेके लिए लाया जा रहा था । वैसे सभीको ‘वंदे मातरं’का पाठ पढना चाहिए; किन्तु यदि यह नहीं पढा जाता है तो क्या अनुचित होगा ? रामदास अठावलेने यह वक्तव्य ठाणेके पास कल्याणमें महाराष्ट्र ग्रामीण पत्रकार संघकी ग्यारहवीं वर्षगांठपर दिया ।
आगे चलकर ऐसे राजनेता कहेंगे कि वैसे तो माता-पिताको प्रणाम करना चाहिए; किन्तु यदि आपने नहीं किया तो इसमें कुछ भी अनुचित नहीं है । ऐसे कृतघ्न नेता ही देशको दिशाहीन करते हैं । जिस मातृभूमिमें पलकर बडे हुए, उसके अन्न, जलसे पोषण हुआ, जीवन यापन हेतु स्थान मिला, उस मां स्वरूपी देशके प्रति इसप्रकारका वक्तव्य, इनकी निकृष्ट मानसिकताका परिचय देती है । ऐसे नेता धिक्कारके पात्र हैं ! ये नेता जनताके प्रतिनिधि बननेके योग्य ही नहीं हैं ! – तनुजा ठाकुर (२.८.२०१७)


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सम्बन्धित लेख


विडियो

© 2021. Vedic Upasna. All rights reserved. Origin IT Solution