बिहारमें मद्यपानपर प्रतिबन्ध लगानेके पश्चात् शासनद्वारा मारे गए छापेसे जो मद्यका भण्डार राजसात (जब्त) किया गया है एवं जिस बडी संख्यामें ऐसे व्यापारोंमें लिप्त लोगोंको बन्दी बनाया गया है उनके आंकडे से यह सिद्ध होता है कि यह कुकर्म व्यापक स्तरपर अवैध रूपसे चल रहा है । जबतक समाजको साधना और धर्माचरण सिखाकर उसे सात्त्विक जीवन व्यतीत करनेकी सीख नहीं दी जाएगी तबतक यह सर्व प्रतिबन्ध एवं उसके परिणाम सतही ही रहनेवाले हैं, यह, इस देशके राज्यकर्ताओंको कब समझ आएगी ? (७.४.२०१७)
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