आजके मूढ राज्यकर्ता यह नहीं समझते हैं कि मुसलमानोंकी तुष्टिकरणकी राजनीति कर, उन्हें अपना प्रत्याशी बनाकर वे अपने लिए स्वयं अन्धा कुंआ खोद रहे हैं । ऐसे ही कुछ राजपूत राजाओंकी स्वार्थी वृत्तिके कारण इस राष्ट्रको तुर्कों, मुगलों एवं अंग्रेजोंने पराधीन कर अनेक शतकोंतक राज्य किया ।
आजके इन अदूरदर्शी नेताओंको अपनी इस मूर्खताका परिणाम दिखाई नहीं देता है; वस्तुत: उनकी इस तुष्टिकरण एवं जाति आधारित राजनीतिसे न ही राष्ट्रका, न ही जनताका, न ही उनके दलका और न ही उनके स्वयंका हित साध्य हो सकता है । मुगलोंका क्रूर एवं रक्तरंजित (खूनी) इतिहास इस बातका साक्षी है, सत्य तो यह है कि जिसकी निष्ठा अपने पिता एवं भाईके प्रति नहीं है, वह राष्ट्र और दलके प्रति निष्ठावान कैसे रह सकता है ? किन्तु क्षणिक सत्ताप्राप्तिके लोभमें अन्धे हुए ये मूढ राजनेता अपना अन्धकारमय भविष्य नहीं देख पा रहे हैं एवं अपने पांवोंमें स्वयं कुल्हाडी मारनेको तत्पर हैं । – तनुजा ठाकुर
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