हिन्दुओ ! बंगाल कश्मीर बननेके मार्गपर है, वहांकी साम्प्रदायिक हिंसासे पीडित हिन्दू अपने घरोंसे पलायन कर रहे हैं । अपने ही देशमें कट्टरपंथियोंको पाठ पढानेके स्थानपर शरणार्थी बननेवाले हिन्दू पता नहीं कब अपनी क्षात्रवृत्तिका प्रदर्शन करना आरम्भ करेंगे ? आश्चर्य है, क्या यह वही बंगाल है जो मात्र सात दशक पूर्व तक वीर क्रान्तिकारियोंकी जन्मस्थली रहा था ? मूढ एवं स्वार्थान्ध राज्यकर्ताओंद्वारा अहिन्दुओंका तुष्टिकरणके कारण इस हिन्दू बहुल देशमें उनका मनोबल इतना बढ गया है कि वे हिन्दुओंको अपने ही देशमें शरणार्थी समान जीवन व्यतीत करने हेतु विवश कर रहे हैं । ऐसी निकृष्ट दुर्गन्धयुक्त राजनीतिके स्थानपर हिन्दू तेजसे परिपूर्ण हिन्दू धर्मराज्यकी स्थापना करना अब अनिवार्य हो गया है । – तनुजा ठाकुर
सोऽहं वर्ष – ५, अंक – ३ से उद्धत
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