लव जिहाद रोकने हेतु एक प्रबोधानात्मक लेख पर एक व्यक्ति ने प्रतिक्रिया दी “आपको हिन्दू धर्म के अलावा और कुछ नहीं दीखता ” मेरा उत्तर सरल है ” क्या करूँ इश्वर ने मेरी संरचना ही ऐसी की है, इसके सिवा मुझे कुछ नहीं सूझता नहीं औ इसे मैं अपना सौभाग्य मानती हूँ । रोबोट को सोचने का अधिकार नहीं होता उसे तो मात्र अपने प्रोग्रामेर की आज्ञा पालन करना होता है । मैं भी उनकी कठपुतली हूंं वे जैसे नचाते है वैसे आनंद में नाचती हूंं ! -तनुजा ठाकुर
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