अब लक्ष्मणपुरमें (लखनऊमें) लक्ष्मणकी प्रतिमापर मुस्लिम धर्मगुरुको हुई आपत्ति !
लक्ष्मणपुर, यह लखनऊका प्रचीन नाम है; किन्तु अब यहांके धर्मान्धोंने लक्ष्मणकी प्रतिमा लगानेपर आपत्ति दर्शाई है । राजधानीमें नगर निगमकी कार्यकारिणीने हालमें ही एक बैठकके मध्य ‘टीलेवाले मस्जिद’के सामने लाल पुलके निकट लक्ष्मणजीकी प्रतिमा लगानेको स्वीकृति क्या दे दी, इस मस्जिदके ‘मौलाना इमाम’ मौलाना शाह फजलुर्रहमानको इससे आपत्ति हो गई ! उन्होंने कहा है, ईद और दूसरे मुसलमानी त्योहारोंके समय लाखों मुसलमान नमाज पढते हैं, यदि मूर्ति लगी तो वे नमाज नहीं पढ पाएंगे !
मौलवीजी, मस्जिदके भीतरकी भूमि आपकी है, उसके आसपासकी नहीं, इसका आपको भान रहे और यह हिन्दुओंका देश है, हमारी जहां इच्छा होगी, हम वहां अपने आराध्यकी प्रतिमा लगाएंगे ! यह कैसे मुगलई है, आपकी जनसंख्या बढ गई तो इसमें हमारा क्या दोष ? उसपर नियन्त्रण रखना आपका कर्तव्य था और है ! नमाज पढनेहेतु दूसरा स्थान ढूंढें ! योगीजीने प्रयाग समान लखनऊका नाम भी लक्षमणपुर कर देना चाहिए और प्रतिमा अवश्य लगानी चाहिए और अब तो जहां-जहां ये अनाधिकृत रूपसे ये नमाज पढते हैं, सर्वत्र वीर पुरुषोंकी प्रतिमाएं लगाएं !
हिन्दुओ ! मुसलमानोंकी धृष्टता देखते जाएं ! अब मस्जिदके आस-पासकी भी भूमिपर भी उनका अधिकार होने लगा ! अब वहां हम कुछ नहीं कर सकते हैं, यही स्थिति रही तो एक दिवस हम सब हिन्दू इस देशसे बाहर तम्बूमें रहेंगे और ये इस देशमें कुण्डली जमाकर बांग देंगे ! – तनुजा ठाकुर (१.७.२०१८)
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