अब मध्य प्रदेशके महाविद्यालयमें छात्र ‘Hinglish’ में देंगे परीक्षा !
हिन्दी और इंग्लिश भाषाके सर्वनाशी मिश्रणको ‘हिंगलिश’की उपमा दी गई है । अब मध्यप्रदेश चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय (MPMSU) के छात्र ‘हिंगलिश’ भाषामें परीक्षा देंगे । विद्यालय प्रशासनने निर्णय लिया है कि अब छात्र ‘हिंगलिश’ भाषामें परीक्षाके उत्तर लिख सकते हैं । ऐसा इसलिए निर्णय लिया गया है; क्योंकि छात्रोंको भाषाके कारण कोई कठिनाई न हो और वह भाषाके कारण अनुत्तीर्ण न हो !
जिस देशकी भाषा इतनी समृद्ध हो, जिसका व्याकरण इतना प्रगल्भ रहा हो, उस देशके राज्यकर्ताओंने अपनी दुष्टनीतिसे संस्कृत भाषाको तो जनमानससे लोप कर ही दिया है | साथ ही सभी तथाकथित बुद्धिजीवियोंने मिलकर संस्कृतनिष्ठ हिन्दीका सर्वनाश कर दिया है, जी हां, ‘तथाकथित’ इसलिए कहनेकी धृष्टता कर रही हूं क्योंकि जो अपनी भाषाकी गरिमा और शुद्धताको भी बनाए न रख सके वह बुद्धिजीवी कैसा ! और अब यहांकी शिक्षण व्यवस्थाकी अपनी अकार्यक्षमता ‘‘हिंगलिश’’ में विद्यार्थियोंको परीक्षा देनेकी अनुमति देकर भाषाको और प्रदूषित कर रही है ! जो शिक्षण व्यवस्था अपने विद्यार्थियोंको शुद्ध भाषा नहीं सिखा सकती है, वह युवाओंमें अन्य मानवीय संस्कार डाल सकती हैं क्या ?
यदि इस देशके जागृत और संस्कृतिप्रेमी व्यक्तियोंने संगठित होकर कुछ नहीं किया तो निश्चित ही वह दिन शीघ्र ही आ जाएगा जब यहांकी शिक्षण व्यवस्था विद्यार्थी परीक्षामें अनुत्तीर्ण न हो जाए इस हेतु उन्हें चोरी करनेकी भी अनुमति वैधानिक रूपसे दे देंगे ! धिक्कार है ऐसी व्यवस्था जो अपनी अगली पीढीको शुद्ध भाषातक सिखा नहीं सकती है ! जो व्यवस्था (लोकतन्त्र) इस देशकी सीमा, गो माता, गंगा, देवी-देवता, विशुद्ध भाषा और स्त्रियों तकका रक्षण नहीं कर सकती है, उसका सर्वनाश शीघ्र हो ऐसा महाकालके चरणोंमें प्रार्थना करती हूं और हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना शीघ्र अति शीघ्र हो, अन्यथा ये सारे कुकर्मी इस देशकी पुरातन संस्कृतिको नष्ट करके ही सांस लेंगे !
हिन्दुओ ! इस महाविद्यालय प्रशासनके इस निर्णयका खुलकर निषेध करें; क्योंकि पहले ही प्रसार माध्यमोंने भारतमें ‘हिंगलिश’ और उर्दूनिष्ठ हिन्दीका प्रसार कर हिन्दी भाषाको प्रदूषित कर दिया है और अब हमारे देशकी युवा पीढीको भी ये इसी ढालमें ढालनेका प्रयास कर रहे हैं ! – तनुजा ठाकुर (२.६.२०१८)
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