उतिष्ठ कौन्तेय


उतिष्ठ कौन्तेय  (०१/०४/२०२०)

१. वुहानके केन्द्रीय चिकिसलयकी निदेशिका डॉ० आई फेनने चीनी शासनका रहस्य प्रकट करते हुए एक भेंटवार्तामें बताया कि यदि उसे ज्ञात होता कि ये विषाणु इतने प्राणघातक हो सकते हैं तो वह कभी भी चुप नहीं रहती; किसी औरके माध्यमसे पूरे विश्वको बता देती । ऐसी वार्तालापके पश्चात अब वह कहां है ?, किसीको भी ज्ञात नहीं है ! डॉ० फेनने बताया था कि उसे  कारावासकी यातनाका भी भय नहीं । वह प्रथम एक महिला चिकित्सिका थी, जिसने राजकीय अधिकारियोंकी आलोचना की थी । प्रमुख अधिकारियोंने उसे यह संदेश बाहर देनेसे, चेतावनी भी दी थी; किन्तु उसने अपना यह सन्देश सायंतक सभी चिकित्सकोंतक पहुंचा ही दिया और डॉ लीने उसे मीडियामें डाल दिया ।
    अब तो किसीको चीनके इस कुकृत्यपर सन्देह नहीं होना चाहिए । ऐसे आसुरी राष्ट्रका होना समूचि पृथ्वीके लिए संकट है; अतः सभी चीनके विरुद्घ खडे हो और भारत भी अब चीनका साथ छोडकर आत्मनिर्भर हो !
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२. देहलीमें ‘धारा-१४४’ लगी होनेके पश्चात भी निजामुद्दीन क्षेत्रमें हुए इस्लामिक धार्मिक उत्सवमें सम्मिलित २००० लोगोंमेंसे २४ लोगोंको कोरोना संक्रमणकी पुष्टि हुई और ३५० लोगोंमें महामारीके लक्षण मिलनेपर उन्हें चिकित्सालयमें प्रविष्ट कराया गया । ‘लॉकडाउन’से पूर्व बडी संख्यामें तेलंगाना, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर, पुडुचेरी लौट चुके थे, इनमेंसे कुछ लोग संक्रमित मिले हैं, तेलंगाना लौटे आठ लोगोंकी मृत्यु हो चुकी है, जबकि देहलीके चिकित्सालयमें प्रविष्ट सन्दिग्धोंकी जांच ‘रिपोर्ट’ अभी आनी है । देहली शासनने इसे आपराधिक कृत्य बताते हुए ‘तब्लीगी जमात’के मरकज संचालकोंपर प्राथमिकी प्रविष्ट करनेके आदेश दिए हैं ।
    यह धार्मिक कृत्य नहीं वरन देशको नष्ट करनेका सामूहिक प्रयास है, जिसे जिहाद कहते हैं । शासन त्वरित सभी दोषियोंको दण्डित करे और आस जमातको सदाके लिए बन्द करे !
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३. देशके भिन्न-भिन्न राज्योंमें स्थित मस्जिदोंमें विदेशी नागरिकोंके मिलनेके पश्चात अब लखनऊके अमीनाबाद क्षेत्रमें गुप्तचर विभाग और ‘एलआईयू’की सूचनाके पश्चात पुलिस प्रशासनके दलने ‘डीएम’ और पुलिस कमिश्नरके नेतृत्वमें मरकजी मस्जिदमें छापा मारकर  किर्गिस्तान और कजाकिस्तानके छह नागरिकोको, जो धार्मिक प्रदर्शनमें सम्मिलित होनेके लिए आए थे, उन्हें बन्दी बनाकर और ‘आइसोलेशन’में रखा गया है !
     राजनीतिक दलोंको अब कठोर निर्णय लेकर मस्जिदोंको बन्द करना ही होगा; अन्यथा जिसप्रकार मस्जिदोंसे विदेशी जिहादी मिल रहे हैं, उससे होनेवाली क्षतिका अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता है !_
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४. जहां विश्व भरमें कोरोना विषाणुओंके विरुद्ध राष्ट्र युद्ध स्तर पर प्रयास कर रहे हैं वहीं भारतके कई राज्योंमें इसके प्रसार हेतु ‘तबलीगी जमात’की भूमिका सबके समक्ष आ रही है । देहलीके हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकजमें इस्लामी संगठनद्वारा आयोजित हुए एक इस्लामिक आयोजनमें भाग लेनेके पश्चात अब तक दस व्यक्तियोंकी कोरोनासे मृत्यु हो चुकी है एवं सूत्रोंके अनुसार इस जिहादी संस्थाका अलकायदा जैसे आतंकवादी संगठनोंके साथ सम्बन्धकी भी शंका है ।
     अब इसमें कोई सन्देह नहीं कि भारतमें कोरोना जिहाद करने हेतु यह भी एक प्रकारका नियोजित जिहाद है और इसके विरुद्ध कठोरकर इस जिहादी संगठनपर प्रतिबन्ध लगाना परम आवश्यक है, मोदी शासन त्वरित इस विषयमें संज्ञान ले !


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