उत्तिष्ठ कौन्तेय


बंगालमें यान्त्रिक अवयव (कल-पुर्जे) बनानेके नामपर लिए भवनमें जिहादी चला रहे थे शस्त्रोंकी निर्माणशाला (फैक्ट्री)
     बंगालके कुल्टी थाना क्षेत्रमें चल रही एक शस्त्र निर्माणशालाका (हथियार फैक्ट्रीका) प्रकरण ‘एसटीएफ’ने उजागर किया है, जिसके कारण पांच लोगोंको बन्दी बनाया गया है । इनसे ३५० अर्द्धनिर्मित शस्त्र अधिग्रहित किए गए हैं । सूचनाके अनुसार बंगाल ‘एसटीफ’ने शुक्रवार, २९ मईकी रात्रि निर्माणशालापर ‘छापा’ मारा, जहांसे ‘पिस्टल’ बनानेकी ‘मशीन’के अतिरिक्त लगभग ३५० अर्द्धनिर्मित व अर्द्धनिर्मित ७ ‘एमएम पिस्टल’के ‘हेक्सा ब्लेड’, छड और अन्य सामग्री मिली । ‘एसटीएफ’ने गृहस्वामी सहित पांच लोगोंको बन्दी बनाया है । आरोपियोंने ‘वॉशर’ और वाहनोंके अवयव बनानेके नामपर यहां एक भवन भाडेपर लिया था; परन्तु वे शस्त्र निर्माणकर रहे थे । बन्दी बनाए अपराधियोंका अभिज्ञान (पहचान) इसरार अहमद, आरिफ, सूरज, उमेश और अरुणके रूपमें हुआ है । बंगाल पुलिसने बताया कि निर्माणशालामें बननेवाले शस्त्रोंकी आपूर्ति बंगालके साथ-साथ बिहार और झारखण्डमें की जाती थी ।
 बताया जा रहा है कि इसरार और आरिफने पहले झरियामें शस्त्र निर्माणशाला पकडे जानेके पश्चात स्थान परिवर्तितकर नियामतपुरमें शस्त्रशालाका सञ्चालन किया । इसरार व आरिफने ही अशोक, सूरज और उमेशको अपने गुटमें सम्मिलित किया था ।
     यह सर्वविदित है कि बंगाल व बिहार जिहादियोंके लिए सबसे अनुकूल प्रदेश बन गए हैं, जहां वे अपनी राष्ट्रद्रोही गतिविधियोंको क्रियान्वित करते रहते हैं; अन्यथा इसरार व आरिफ जब पहले शस्त्रोंके साथ पकडे गए थे तो उनपर तभी कार्यवाही हो जानी चाहिए थी । इसीसे ममता प्रशासनकी जिहादियोंके प्रति सहृदयता दिखाई देती है, जो देशके लिए घातक है । केन्द्र इसमें त्वरित हस्तक्षेप करे !
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उत्तर प्रदेशके ऊर्जा मन्त्री श्रीकान्त शर्माने दिए यमुना नदीमें गिरनेवाले समस्त अस्वच्छ नालोंपर प्रतिबन्ध लगानेके आदेश
     उत्तर प्रदेशके ऊर्जा मन्त्री श्रीकान्त शर्माने यमुना नदीमें गिरनेवाले अस्वच्छ नालों व वृन्दावन जनपदमें रिसावके कारण व्यर्थ बहते जलको लेकर अपनी अप्रसन्नता व्यक्तकी और फरवरी माहतक सभी नालोंको बन्द करनेका आदेश दिया । उल्लेखनीय है कि श्रीकान्त शर्मा वृन्दावनसे ही विधायक हैं व क्षेत्रकी समस्याओंकी समीक्षा करनेके मध्य उन्होंने यह आदेश पारित किया । उनको प्राप्त हुए प्रतिवेदनके अनुसार जनपदके कई नाले यमुना नदीको प्रदूषितकर रहे हैं तथा वहीं यमुनाका जल भी स्रावके (रिसावके) कारण व्यर्थ बह रहा है; अतः उन्होंने नगर निगमके अधिकारियोंको भी कठोरतासे इन समस्याओंसे निदान हेतु आदेशानुसार कार्य करनेको कहा ।
     भारतमें देवतुल्य नदियोंकी दशा हम हिन्दुओंके लिए लज्जाजनक है । प्रत्येक वर्ष शासनद्वारा आदेश पारितकर इन‌ नदियोंके संरक्षण हेतु करोडों रुपये व्यय होते हैं; परन्तु इसका परिणाम हम सभी जानते ही हैं । मन्त्रीजीका आदेश प्रशंसनीय हैं; परन्तु वह पूर्ण रूपसे क्रियान्वित हो, तभी फलदायक होगा, मन्त्रीजी इसकी भी समीक्षा करें !
(३१.०५.२०)
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बुद्धकी ऐतिहासिक धरोहरपर पाक अधिकृत कश्मीरमें गाडे गए पाकिस्तानी ध्वज
     पाकिस्तान अधिकृत कश्मीरके गिलगित-बाल्टिस्तानके क्षेत्रमें आठवीं शताब्दीकी बौद्ध शिलाओंको खण्डित किया गया है । पाकिस्तानने वहां अपना ध्वज गाडते हुए पुरातत्त्वकी दृष्टिसे महत्त्वपूर्ण कलाकृतियोंको हानि पहुंचाई है, जबकि स्थानीय लोग इन कलाकृतियोंका संरक्षण चाहते थे । उल्लेखनीय है कि चीनद्वारा इस क्षेत्रमें दिआमेर-ब्हाशा नामक बांध बनाया जा रहा है, जिसका भारतद्वारा कडा विरोध किया जा चुका है । इस बांधसे यह महत्त्वपूर्ण प्रतिमाएं और साथमें अन्य पचास गांव भी डूब जाने संकट उत्पन्न हो गया है, जिसका स्थानीय निवासियोंने भी विरोध किया है । वहांके निवासियोंका कहना है कि कलाकृतियोंके संरक्षणसे पर्यटनकी अच्छी सम्भावनाएं हो सकती हैं । उल्लेखनीय है कि तालिबानने भी २००१ में ऐसी ही ऊंची प्रतिमाएं नष्ट की थीं । कई वर्षोंतक तालिबानके भयके कारण इन्हें पुनः नहीं बनाया गया । यह बलुआ पत्थरसे बनी हुई विश्वकी सबसे ऊंची, बुद्धकी प्रतिमाएं थीं । पाकिस्तान शासनने चीनी संस्थाके साथ बांध निर्माणके लिए अरबों रुपयोंकी सन्धिपर हस्ताक्षर किए थे, जिसके कारण भारतने चिन्ता प्रकट की थी ।
       जिहादी प्रत्येक क्षेत्रमें अपनी विषैली मानसिकता प्रकटकर ही देते हैं । अन्योंकी सम्पत्तियोंपर अधिकार करना, यह इस्लामका मुख्य अङ्ग रहा है । अब तो भारतद्वारा पाकिस्तानका सर्वनाश ही गिलगित-बालटिस्तानके लोगोंके लिए शान्ति लाएगा ! (३१.०५.२०२०)
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अभिनेता मिलिंद सोमनने किया ‘मेड इन चाइना’ उत्पादोंका बहिष्कार
        अभिनेता मिलिंद सोमणने चीनी उत्पादोंके बहिष्कार हेतु सामाजिक जालस्थलपर (सोशल मीडियापर) अभियान आरम्भ करते हुए ‘टिक टॉक’को भ्रमणभाषसे हटा दिया है । उन्होंने इसकी जानकारी ‘ट्विटर’पर साझा करते हुए शिक्षाविद सोनम वांगचुकका एक ‘वीडियो’ भी साझा किया है, जिसमें वांगचुकने ‘मेड इन चाइना’ वस्तुओंका बहिष्कारकर उसकी आर्थिक स्थितिको नीचे लानेका अभियान आरम्भ करनेकी बात करते हुए कहा कि भारत प्रत्येक वर्ष ५ लक्ष कोटि उत्पाद चीनसे क्रय करता है, जिसका उपयोग वह हमारे ही देशके विरुद्ध करता है । उन्होंने कहा चीनको सेना ‘बुलेट’से उत्तर देगी; परन्तु देशके नागरिक ‘वॉलेट’से उत्तर दें ।
        जहां एक ओर सभी चलचित्र जगतके नट धन येन-केन प्रकारसे धन अर्जित करनेमें व्यस्त हैं, वहीं अभिनेता मिलिंदद्वारा उठाया गया यह पग स्वागतयोग्य है । सम्भवतः इन्हें सद्बुद्धि आ गई है अथवा हिन्दुओंके जागनेके कारण इन्होंने ऐसा किया है; क्योंकि ये वही अभिनेता है जिसने अपनी एक सहयोगीके साथ एक पत्रिकाके लिए पूर्णतः निर्वस्त्र होकर चित्र प्रकाशित करवाया था और वह अत्यन्त विवादित भी हुआ था । आज भी अनेक लोग केवल उसी विवादके कारण इस अभिनेताको स्मरण करते हैं । ये अभिनेता हमारे आदर्श नहीं हो सकते; परन्तु इनके अच्छे कार्योंकी प्रशंसा करना एक प्रकारकी विवशता है; क्योंकि अधिकांश मूढ इनका अनुसरण करते हैं । हो सकता है इनके इस कृत्यका जनतापर प्रभाव पडे और वह भी चीनके सभी उत्पादोंका बहिष्कार करना प्रारम्भकर दे ! (३१.०५.२०)
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तमिलनाडुमें मन्दिरके बाहर कच्चा सूअरमांस रखनेके आरोपमें एक अभियन्ता (इंजीनियर) बन्दी बनाया गया
     तमिलनाडुके कोयम्बटूरमें सुल्लिवन मार्गपर स्थित श्रीवेणुगोपाल स्वामी व श्रीराघवेन्द्र स्वामी मन्दिरके बाहर कच्चा सूअरमांस रखनेके आरोपमें एक ४८ वर्षीय अभियन्ताको (इंजीनियरको) बन्दी बनाया गया है । पुलिसका कहना है कि मांस रखनेवाले व्यक्तिका किसी धार्मिक या राजनीतिक सङ्गठनसे कोई सम्बन्ध नहीं है । यह व्यक्ति पारिवारिक कलहके चलते तनावमें था । इस घटनाके पश्चात समूचे क्षेत्रमें तनाव फैल गया । आरोपीके विरुद्ध भादविकी धारा ‘१५३-ए व २९५-ए’के अनुसार परिवाद प्रविष्ट कराया गया है ।
     हिन्दूद्रोही तमिलनाडु शासनके अन्तर्गत पुलिसने और समाचारपत्रने यह तो बता दिया कि पारिवारिक कलहके कारण व्यक्तिने ऐसा किया और किसी धार्मिक सङ्गठनसे कोई सम्बन्ध नहीं है; परन्तु सूअरका मांस फेंकनेवालाका नाम नहीं बताया ! यदि यही प्रकरण किसी मस्जिद आदिमें हुआ होता तो यह सभी समाचार पत्रोंका मुख्य समाचार होता ! इसीसे हिन्दू धर्म और आजकी पत्रकारिताकी स्थिति क्या है ?, यह ज्ञात होता है । (३०.०५.२०)
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झारखण्डमें ईदपर गोहत्याका विरोध करनेपर जिहादियोंने की ४ हिन्दुओंकी हत्या
      झारखण्डके चतरा स्थित राजेपुर थाना क्षेत्रके जमरी गांवमें बुधवार, २७ मईको एक युवक विपिनने अपने मित्रोंको सूचना दी कि स्थानीय मुसलमानोंने दो गायोंकी हत्याकर मांस कुएंमें फेंक दिया है तो हिन्दुओंने विरोध प्रकट किया । इस प्रकरणको लेकर दोनों पक्षमें हिंसा हुई । चतरा पुलिसका कहना है कि गांवमें लोकवादके (अफवाहके) कारण तनावकी स्थिति बन गई थी, जिसे पुलिसने समय रहते सम्भाल लिया ।
     इस सम्बन्धमें परिवाद देनेवाले दीपक कुमारने कहा कि मुसलमानोंद्वारा गोहत्या किए जानेसे वो आक्रोशित थे । उन्होंने बताया कि इसकी सूचना उन्हें विपिन राजनने दी थी । विपिन अभी कारावासमें है । हिन्दुओंका आरोप है कि पुलिसने प्रकरणको दबाया और चली गई । पुलिसका कहना है कि वहां कोई गोमांस नहीं मिला था और ये एक लोकवाद (अफवाह) था ।
      गोहत्यारोंका समर्थन करनेवाले हिन्दू विरोधी झारखण्ड शासनमें इसके अतिरिक्त और आशा भी क्या की जा सकती है ? जबतक हिन्दू सङ्गठित नहीं होंगे, तबतक गोहत्या रोकना असम्भव है; अतः सभी हिन्दू जागें व धर्मरक्षण हेतु आगे आएं, यह कालकी मांग है !
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टिड्डियोंके आक्रमणको ‘अल्लाहका कहर’ बतानेवाली जायरा वसीमने ‘ट्विटर’ और इंस्टाग्रामसे खाता हटाया 
     इस्लामका सन्दर्भ देकर चलचित्रोंको छोडनेका कहनेवाली जायरा वसीमने ‘ट्विटर’ और ‘इंस्टाग्राम’ खाता हटा लिया है । बुधवार, २७ मईको उन्होंने भारतमें टिड्डियोंके आक्रमणको अभिमानी लोगोंपर ‘अल्लाहका कहर’ बताया था । इस ‘ट्वीट’को लेकर उनकी तीव्र आलोचना हो रही थी, जिसके पश्चात जायराने अपने इस ‘ट्वीट’को हटा लिया और साथ ही अपना खाता भी हटा दिया ।
      सभी राष्ट्रनिष्ठ इसी प्रकार इस्लामपक्षी लोगोंका इसी प्रकार मुखर होकर विरोध करें और उन्हें पीछे हटनेपर विवश करें तो निश्चित ही विजय हमारी ही होगी !
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लद्दाख सीमासे ३० किमीकी दूरीपर चीनकर र‍हा है भारी संख्‍यामें सैनिकों और तोपोंकी नियुक्ति
     लद्दाखमें भारत-चीन विवादका समाधान करनेके लिए वार्ताके माध्‍यमसे प्रयास चल रहे हैं । इस मध्य चीनी सेना वास्तविक नियन्त्रण रेखाके (एलएसीके) निकट सैन्य शक्तिके निर्माणमें लगी हुई है । वे नियन्त्रण रेखाके निकट भारी सङ्ख्‍यामें तोपों और थल सेनाको नियुक्तकर रहे हैं, जिसे कुछ ही घण्टोंमें भारतीय क्षेत्रके पास नियुक्त किए जा सकता है ।
भारतीय और चीनी पक्ष पूर्वी लद्दाख क्षेत्रमें सभी स्थानोंपर ‘बटालियन’ और ‘ब्रिगेड’ स्तरपर एक-दूसरेसे वार्ताकर रहे हैं, जिसका अभीतक कोई परिणाम नहीं निकाला है । सूत्रोंका कहना है कि चीनी जिन स्‍थानोंपर थे, किसी भी स्थानसे पीछे नहीं हटे हैं । विभिन्न स्थानोंपर भारतीय और चीनी सैनिकोंके मध्य निरन्तर आमना-सामना हो रहा है ।
      चीनका यह साहस हमने ही बढाया है, जिससे वह बार-बार हमारी सीमामें घुसता है । असुरोंका समर्थन व साथ बुरा ही परिणाम देते हैं, चीनकी अर्थव्यवस्थाका भार ढोनेवाले व अपनी छद्म वाहवाहीमें विश्वास रखनेवाले अदूरदर्शी भारतीय नेताओंको यह पहले ध्यानमें क्यों नहीं आया ? भारतको यदि पहले ही हिन्दू राष्ट्र घोषित किया होता तो न चीन सिर उठाता और न ही पाकिस्तान ! (३१.०५.२०२०)


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