उत्तिष्ठ कौन्तेय


१. लखनऊके पश्चात अब मेरठमें भी ‘सीएए’के विरोध प्रदर्शनमें निजी और शासकीय संपत्तिको क्षति पहुंचाने वालोंका चित्र सार्वजनिक स्थानपर लगाए जाने थे; परन्तु इससे संबंधित याचिकापर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालयने निजताके अधिकारका हनन मान इस पर अंकुश लगा दिया है। वहीं शासनने भी अपना पक्ष रखते हुए कहा कि केवल उन्हीं व्यक्तियोंके चित्र लगाए गये हैं, जिनको न्यायालय द्वारा ज्ञापन सौंपा गया था और वे अभी तक प्रत्यक्ष उपस्थित नहीं हुए हैं।
   योगी सरकारका यह प्रयास जहां अत्यन्त सराहनीय है; वहीं न्यायालयद्वारा इसका विरोध करना बहुत ही लज्जाजनक है क्योंकि ऐसेमें विधानका उल्लंघन करनेवालोंको एक प्रकारसे न्यायालयद्वारा संरक्षण मिलना ही है जिससे उपद्रवियोंके मनोबलको और बढावा मिलेगा और वे ऐसे देशद्रोहके अपराध करनेका दुस्साहस पुनः करेंगे ।
———-
२. शाहीन बाग व जामियाके नागरिकता संशोधन कानूनके विरोधको बढाने व प्रदर्शनकारियोंको जिहादके नामपर उकसानेके लिए देहली  पुलिसने जहांजेब सामी व हिना बशीर बेग नामक दंपतीको बन्दी बनाया जो ‘आईएस’के अफगानिस्तानमें सक्रिय ‘मॉड्यूल इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासन प्रॉविंस’ (आईएसकेपी) से संपर्कमें थे और देशमें किसी बडे आत्मघाती हमलेकी तैयारीमें थे।  सामी और हिना सामाजिक जालस्थल और ‘व्हाट्सएप कालिंग’से ‘आईएसकेपी’के वरिष्ठ सदस्योंसे अफगानिस्तानमें संपर्क बनाए हुए थे । सामी खोरासानके हुजैफा बाकिस्तानीसे भी संपर्कमें था, जो अब मारा जा चुका है।
    देशमें आतंक फैलानेके लिए सदा मुसलमानोंका नाम ही सामने आता रहा है, ऐसेमें प्रशासन इन्हें रोकनेके लिए कठोर विधान बनाकर, इन्हें दण्डित करना चाहिए |
———
३. आम आदमी पार्टीके विधायक अमानतुल्लाह खानने गुप्तचर विभागके अधिकारी अंकित शर्माकी हत्याके आरोपी तारिक हुसैनका बचाव करते हुऐ चेतावनी दी है कि अगर मुसलमानोंसे बर्बरता होगी, कारावास भेजोगे ,उपद्रवी ठहराओगे तो इस देशमें उपद्रव होते रहेंगे ।
    इसे ही कहते हैं ’एक तो चोरी ऊपरसे सीनाजोरी’ !  क्या केजरीवाल सरकार अपने इस आतंकी मानसिकतावाले विधायकके विरुद्ध कार्यवाही कर नैतिकताका परिचय देगी अथवा पूर्वकी भाति तुष्टिकरण ही करती रहगी ?
———-
४. १० मार्च, २०२०  अलीगढ अब्दुल करीम चौककी हलवाईयान मस्जिदको तिरपाल और शमियानेसे ढक दिया गया है । प्रशासनने होलीका उत्सवको निर्विघ्न सम्पन्न कराने हेतु ऐसा निर्णय लिया है जिससे कोई उपद्रव न हो ।
    क्या यह समस्याका स्थायी समाधान है ?, शासन व प्रशासन इसपर अवश्य चिन्तन करें !
———-
५. होलिका दहनपर उत्तर प्रदेशके मेरठमें पुलिसको सूचना मिली कि कुछ अराजक तत्व नागरिकता संशोधन कानूनके विरोधके नामपर होलीपर हिंसा भडका सकते हैं । सूचना मिलते ही पुलिसने होलीपर उपद्रव करनेवालोंका पिछले पांच वर्षके दस्तावेज खंगालकर उनको पकडनेके लिए अभियान चला रखा है । इसमें अभी तक २५० पराधी प्रवृत्तिवालोंको बन्दी बनाया गया हैं । इन लोगोंने पूछताछमें होलीपर हिंसा करनेकी योजनाकी बात स्वीकार  ली है ।
    उत्तर प्रदेश पुलिसने दूरदर्शिताका परिचय देते हुए एवं सूचना मिलते ही ऐसी कार्यवाही की इस हेतु वे अभिनन्दनके पात्र हैं ! किन्तु यह ध्यान रहे कि धर्मान्धोंद्वारा हिन्दू त्योहारोंपर हिंसा करना या उसकी योजना बनाना यह कोई शुभ संकेत नहीं है, समय रहते इसपर ठोस उपाय योजना निकालनी चाहिए ।
———
६. मालदाके बारलो कन्या उच्च विद्यालय (ग‌र्ल्स हाई स्कूल)की चार छात्राओंने कवि रवीन्द्रनाथ ठाकुरके गीतको विकृत करके अश्लील ‘विडियो’ बनाया । रवीन्द्रनाथ ठाकुरकी मूल रचना यह है – “While I was strolling on my known path, the Moon had risen to the night sky… That was when we met without knowing about the divinity of the moment.” जिसे विकृतकर यह रूप दिया गया जो इतना अश्लील है कि उसे यहां लिखा नहीं जा सता है किन्तु हिंदी अनुवाद किया जाए तो ‘लिंग’ और ‘संभोग’ जैसे शब्द इसमें आते हैं |
इस सम्बन्धमें आरोपी छात्राओंने विद्यालयद्वारा क्षमायाचना पत्र उनके अभिभावकोंको बुलाकर लिखवाया गया !
    एक ओर स्वामी विवेकानन्द जैसे युवा थे जिन्होंने स्वधर्म और संस्कृतिका ध्वज पूरे विश्वमें फहराया था और एक ओर आजकलके मैकाले शिक्षित युवा हैं जो रवीन्द्रनाथ ठाकुरकी मूल रचनाकी विकृति कर अपना एवं अपने पूरे परिवार व विद्यालयका नाम खराब करते हैं !


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सम्बन्धित लेख


विडियो

© 2021. Vedic Upasna. All rights reserved. Origin IT Solution