वास्तुशास्त्रके अनुसार कौनसे वृक्ष या पौधे लगाए जा सकते हैं ? (भाग – ६)


वास्तुशास्त्र अनुसार केलेके पौधेको भी शुभ माना गया है । केला एक दिव्य गुणोंसे भरा सात्त्विक एवं औषधीय पौधा है । शास्त्रोंमें तुलसीके पश्चात केलेके पौधेको अत्यंत शुभ एवं पवित्र माना गया है | शुभ कार्योंमें केलेके पौधेका मंडप या उसके स्तम्भ एवं पत्तोंसे सजावट करनेकी परम्परा है, देव कार्योंमें या देवताओंके लिए केलेके पत्तेपर ही भोजनका प्रावधान है |

माना जाता है कि केलेके पौधेके आस-पास बैठकर पढनेसे ध्यान केन्द्रित होता है और विषय लम्बे समयतक स्मरणमें रहता है । हिन्दू धर्मके अनुसार केला, तुलसीके समान ही भगवान विष्णुको प्रिय है, यह वृक्ष गुरु तत्त्वको आकृष्ट करता है । ज्योतिषशास्त्रमें गुरुको धन, विद्या, सन्तान, सुख एवं विवाहका कारक माना गया है । वास्तुके नियम अनुसार, तुलसीके साथ केलेका पौधा ईशान कोणमें लगाना चाहिए । इससे धनमें वृद्धि होती है । तुलसी और शमीके समान इस पौधेकी भी नित्य पूजा कर सकते हैं ! विशेषकर गुरुवारके दिवस इस पौधेका पूजन अधिक लाभप्रद होता है | केलेके पौधेमें भी विदेशी केलेके पौधे सात्त्विक नहीं होते हैं; अतः यदि वास्तुमें सकारात्मक प्रभाव हेतु केलेका पौधा लगाना चाहते हैं तो देशी केलेका पौधा लगाएं एवं इस पौधेके आस-पास स्वच्छता रखें !



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