वैदिक उपासना पीठके वानप्रस्थ प्रकल्पकी विशेषताएं (भाग-३)


इस उपक्रममें रहनेके अधिकारी कौन होंगे ?
 इस उपक्रममें सहभागी होने हेतु इच्छुक व्यक्तिकी आयु ४० वर्षसे अधिक होनी चाहिए । यह प्रकल्प दम्पति, विधवा, विधुर या अविवाहितोंके लिए विशेष रूपसे है  ।
     वर्तमान कालमें संयुक्त कुटुम्ब व्यवस्थाका नगरोंमें तो प्राय: लोप हो चुका है, ऐसेमें जब बच्चे विवाहमें पश्चात चाकरी हेतु कहीं और चले जाते हैं या पारिवारिक क्लेशके कारण पृथक रहने लगते हैं और सेवा निवृत्तिके पश्चात समय भी बहुत रहता है तो समयका सदुपयोग कैसे करें ?, यह समझमें नहीं आता है, ऐसेमें कोई ‘ताश’ खेलकर या गप्पें मारकर या दूरदर्शन संचपर रज-तम प्रधान कार्यक्रम देखकर तो कुछ लोग नेटपर अनावश्यक समय व्यर्थ करते हैं; क्योंकि समय कितना मूल्यवान है एवं वह भी मनुष्य जीवन कितना अनमोल है ?, इसका महत्त्व आज समाजको ज्ञात ही नहीं है । वानप्रस्थ उप्रकममें सहभागी होनेपर एकाकीपन तो समाप्त हो ही जाएगा साथ ही मनुष्य जीवन सार्थक होगा; क्योंकि वहां वानप्रस्थियोंकी रुचि अनुसार अनेक सेवाएं उपलब्ध होंगी और साथ ही उस आयुमें लोगोंको लगता है कि कोई हमसे बात करे तो अपने ही आयुवर्गके साथ रहनेपर उन्हें समष्टि जीवनका भी आनन्द मिलेगा !
      इस प्रकल्पमें आयु क्या होगी ? ऐसा कुछ लोगोंके मनमें प्रश्न हो सकता है ! आजकल कुछ लोग अल्प आयुमें ही अपने सम्पूर्ण जीवन हेतु धन अपने कौशल्यसे अर्जितकर लेते हैं और अब आगे क्या करें ?, यह उनके मनमें प्रश्न रहता है । तो ऐसे लोग ४० वर्षकी आयुमें भी इस प्रकल्पमें सहभागी हो सकते हैं; क्योंकि वानप्रस्थका अर्थ ही है अपने उत्तरदायित्वका वहन हो जानेपर वनकी ओर प्रस्थानकर अपने जीवनको सार्थक करना । अब इस कालमें वनकी ओर जानेकी सिद्धता तो नगण्य लोगोंकी होती है; क्योंकि आधुनिक सुख-सुविधाओंमें रहनेके वे अभ्यस्त हो चुके होते हैं, ऐसेमें उनके लिए वानप्रस्थ उपक्रम, एक उत्तम पर्याय है । वे अपने ईश्वर प्रदत्त कौशल्यको राष्ट्र और धर्म कार्यमें अर्पितकर अपना परलोक तो सुधार ही सकते हैं साथ ही उन्हें एक आत्मसन्तुष्टि भी मिलेगी ।
       मेरे साथ ऐसा हुआ है; इसलिए बता रही हूं ! पूर्ण समय साधना करनेसे पूर्व मैं २६ वर्षकी आयु में  ५०००० रुपये प्रतिमाह अर्जितकर रही थी; किन्तु वृत्तिसे साधक होनेके कारण मैं सन्तोषी प्रवृत्तिकी थी । मुंबई जैसे महानगरमें रहनेपर भी मुझे कोई बाहरी आकर्षण आकर्षित नहीं करता था, मुझे संसारकी कोई वस्तु चाहिए ही नहीं थी, भीतर एक सन्तुष्टि थी, मैं कई बार १०००० रुपये लेकर ‘मॉल’ जाती; किन्तु सम्पूर्ण ‘मॉल’ घूमनेपर वहांसे रिक्त हाथ लौट आती, मुझे लगता सब तो है मेरे पास, ऐसेमें उन पैसोंका क्या करें ? यह समझमें नहीं आता था; इसलिए जब श्रीगुरुके कार्यसे मेरा परिचय मार्च १९९७ में हुआ तो लगा कि इसे करके देखना चाहिए और उसमें मुझे अभूतपूर्व आनन्द मिलने लगा और इससे मैं शीघ्र ही पूर्ण समय साधना हेतु प्रवृत्त हुई और आपको बता दूं मेरे सर्वज्ञ श्रीगुरुने मेरे कौशल्यको सदा ही समझा और मुझे उसे विकसित करनेका पर्याप्त अवसर दिया और साथ ही सेवा करवा ली और आज भी करवाकर ले रहे हैं, इस हेतु आज भी मेरा मन उनके प्रति कृतज्ञतासे भर उठता है । आज मुझे अपने निर्णयपर गर्व होता है और साथ ही इसे मैं ईश्वरकी विशेष कृपा मानती हूं । अतः यह प्रकल्प ऐसे लोगोंके लिए भी है !
  उसी प्रकार आज महानगरों एवं नगरोंमें सम्बन्ध विच्छेद बहुत ही सामान्यसी बात हो गई है । कुछ लोग सम्बन्ध विच्छेदके पश्चात पुनः विवाह करते हैं तो कुछ मात्र अपने बच्चों हेतु विवाह नहीं करते हैं; किन्तु बच्चेके बडे हो जानेपर उन्हें एकाकीपन लगने लगता है, ऐसे लोग भी इस उप्रकममें सहभागी हो सकते हैं । ऐसे लोगोंकी एक विशेषता होती है, उनमें सामान्य व्यक्तिकी अपेक्षा त्यागकी वृत्ति थोडी अधिक होती है तो वे बच्चोंके उत्तरदायित्वसे निवृत्त होनेपर अपना जीवन वानप्रस्थ उपक्रममें व्यतीतकर अपने जीवनको सार्थककर सकते हैं । अविवाहित भी अनेक बार चिन्तित होते हैं कि वृद्धावस्थामें मेरा क्या होगा ? तो उन्हें भी बता दें कि आपने चाहे जिस भी कारणसे विवाह नहीं किया हो या आपका विवाह जिस भी कारणसे नहीं हुआ हो, एक समय आनेपर आपको समाजकी आवश्यकता होगी ही, ऐसेमें यदि जब आप स्वस्थ हैं तो आप वानप्रस्थ उपक्रममें सहभागी होकर अपना योगदान देते हैं तो जब आपको किसीके अनुरक्षणकी (देखरेखकी) आवश्यकता होगी तो आश्रम आपका ध्यान अवश्य ही रखेगा ।
          विधवा और विधुरके लिए भी यही बात लागू होती है । अच्छी बात यह है कि यह संन्यास आश्रम नहीं है; अतः इसके नियम संन्यासी समान कठोर नहीं होंगे । आप धीरे-धीरे प्रवृत्ति मार्गसे निवृत्तिकी और प्रवास करें, ऐसा आपको मार्गदर्शन दिया जाएगा ।
       यदि आपको लगता है कि आप इस उपक्रममें सहभागी हो सकते हैं तो अपना पंजीकरण कराकर इसका लाभ उठा सकते हैं, इस सम्बन्धमें अधिक जानकारी हेतु हमें नीचे दिए गए सम्पर्कपर अपना सन्देश भेज सकते हैं ।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सम्बन्धित लेख


विडियो

© 2021. Vedic Upasna. All rights reserved. Origin IT Solution