अगस्त ३१, २०१८
पश्चिमी बंगालके बीरभूम प्रान्तमें स्वामी विवेकानन्दकी मूर्तिको हानि पहुंचाई गई है । सूरीके स्थानीय लोगोंने गुरुवारको ‘मोहम्मद बाजार’में स्वामी विवेकानन्दकी मूर्तिको क्षतिग्रस्त देखा, जिसके पश्चात तत्काल पुलिसको इसकी सूचना दी ।
स्वामी विवेकानन्दकी यह मूर्ति दस फुट ऊंचे प्लेटफॉर्मपर लगी है । एक स्थानीय समितिकी ओर से इस मूर्तिका अनावरण जनवरी २०१५ में किया गया था । उपद्रवियोंने मूर्तिकी नाक और उंगलियां तोडनेके साथ सिरपर बडा पत्थर रख दिया ।
स्थानीय समितिके सदस्य विद्युत मोण्डोलने कहा, ‘जिन्होंने भी यह किया है वो स्वामी विवेकानन्दके बारेमें नहीं जानते । हमें इस क्षेत्रमें स्वामी जीके बारेमें जागरूकता लानेकी आवश्यकता है, जिससे कि भविष्यमें ऐसी घटनाएं न हों ।’
बता दें कि इस स्वतन्त्रता दिवसपर कुल्टीमें देशके प्रथम प्रधानमन्त्री जवाहरलाल नेहरूकी मूर्तिमें तोडफोड की गई थी । इस वर्षके आरम्भमें बर्धवानके कटवामें भी नेहरूकी मूर्तिको हानि पहुंचाई गई थी ।
इस वर्ष मार्चमें कोलकाताकी जाधवपुर विश्वविद्यालयमें जनसंघके (बीजेपी का पूर्व अवतार) संस्थापक डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जीकी मूर्तिमें तोडफोडकी गई थी । आरोप है कि भाजपाके विरुद्घ विरोध दिखानेके लिए वामपन्थी विचारधाराके छात्र कार्यकर्ताओंने ऐसा किया था ।
“क्या शासन और प्रसार माध्यमोंको ज्ञात नहीं कि यह ममता बैनर्जीके पालतू धर्मद्रोहियोंका कृत्य है, तो बताने में लाज कैसी ?’ – सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : आजतक
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