नई दिल्ली। शनिवार को एक बड़ी खबर पाक उच्चायोग के अधिकारी महमूद अख्तर के कबूलनामे से जुड़ी हुई आई है। महमूद अख्तर से पूछताछ के बाद समाजवादी पार्टी के सांसद चौधरी मुनव्वर सलीम के पीए फरहद को गिरफ्तार कर लिया गया है। मुनव्वर सलीम के पीए फरहद पर विदेश मंत्रालय, रक्षा और नागरिक उड्डयन मंत्रालय से जुड़े दस्तावेज महमूद अख्तर को देने का आरोप है। इसके लिए पीए को 2 लाख रुपए भी दिए गए थे।
पूछताछ में पाक उच्चायोग के अधिकारी महमूद अख्तर ने बताया है कि फरहत बीते ढाई साल से उसे ये दस्तावेज सौंप रहा था। सूत्रों ने बताया है कि पीए फरहत को जो 2 लाख रुपए इसके लिए दिए गए थे वह इंस्टॉलमेंट्स में दिए गए थे। महमूद अख्तर से फरहत का परिचय उसके पूर्व सांसद के पीए रहे फियाज ने कराया था। दिल्ली में पाकिस्तान दूतावास के वीजा ऑफिसर महमूद अख्तर को बुधवार को गिरफ्तार किया गया था, हालांकि डिप्लोमैटिक इम्यूनिटी की वजह से उसे पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया और पाकिस्तान लौटने को कह दिया गया था।
महमूद अख्तर की सीडीआर में फरहत का नंबर मिला और इसके बाद उसके साथ पूछताछ की गई। एसपी नेता मुनव्वर सलीम और सांसद के पीए फरहत को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। क्राइम ब्रांच फरहत को दिल्ली में मुनव्वर सलीम के सरकारी आवास से हिरासत में लिया था। सलीम ने अपने पीए फरहत को हटा दिया है और राज्यसभा सचिवालय से अनुरोध किया है कि सांसद के पीए के तौर पर बनाए गए उसके पहचान पत्र को रद्द कर दिया जाए।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि सांसद का पीए अगर दोषी है तो उसपर केस दर्ज कर कानून के मुताबिक कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, महमूद अख्तर को पूछताछ के बाद पाकिस्तान भेज दिया गया है। अख्तर के साथ दो अन्य व्यक्ति मौलाना रमजान और सुभाष जांगीड़ भी थे जो राजस्थान के नागौर के रहने वाले हैं। एक अन्य आरोपी सोहैब को जोधपुर में हिरासत में लिया गया। पुलिस उसे दिल्ली ले कर आई जहां उसे गिरफ्तार किया गया।
कौन हैं मुनव्वर सलीम?
राज्यसभा सांसद मुनव्वर सलीम को एसपी के कद्दावर नेता आजम खां का बेहद करीबी माना जाता है। आजम खां ने मजबूती से उनकी नाम मुलायम के समक्ष बढ़ाया था। सलीम एक उर्दू समाचार पत्र भी प्रकाशित करते हैं और उनके नजदीकी लोग उन्हें एक विद्वान और धार्मिक झुकाव वाले शख्स के तौर पर जानते हैं। वह मूल रूप से मध्य प्रदेश से हैं लेकिन राज्यसभा में उन्होंने यूपी की सीट से प्रवेश किया है। हर साल वह दिल्ली में रहकर समर्थकों की भारी भीड़ के साथ आजम खां का जन्मदिन मनाते हैं। वह सक्रियता से राज्यसभा की चर्चा में भाग भी लेते हैं और मीडिया से भी बात करने में पीछे नहीं रहते हैं।
सौजन्यसे: http://khabar.ibnlive.com/
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