जून २९, २०१९
निकाह-हलाला और बहु-विवाहको (एकसे अधिक पत्नी रखनेकी परम्परा) लेकर देहली महिला आयोगकी अध्यक्षा स्वाति मालीवालने प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदीको पत्र लिखकर मांग की है कि तीन तलाक विधेयकमें संशोधन करके हलाला और बहुविवाहको सम्मिलित किया जाए ।
स्वाति मालीवालने कहा है कि निकाह हलाला और दुष्कर्ममें कोई अन्तर नहीं है । स्वाति मालीवालने विधेयकके संसदसे पास होनेकी आशा प्रकट की है । उनका कहना है कि संसद निकाह-हलालाको भी प्रतिबन्धित करें, यह अमानवीय और जघन्य है ।
इस्लाममें निकाह मुता, जिसमें लडका-लडकी निर्धारित समयके लिए विवाह करते हैं । इसमें मेहरकी राशि भी होती है । समय पूर्ण होनेपर विवाह समाप्त मान लिया जाता है; परन्तु इसे आपसी सहमतिसे आगे भी बढाया जा सकता है ।
वहीं, मुसलमानोंमें एक बार तलाक हो जाए, तो पत्नीको पुनः पानेके लिए पत्नीको किसी दूसरे व्यक्तिसे निकाह करना होता है और शारीरिक सम्बन्ध बनाने होते हैं । फिर यदि वो ‘खुला‘ या तलाककेद्वारा पृथक हो जाते हैं, तो वो अपने पहले पतिसे पुनः विवाह कर सकती है, इसे हलाला कहते हैं !
“मोदी शासन इस जघन्य व ओछी परम्पराका अन्त करें और भारत भूमि जहां नारियोंकी पूजा होती रही है, उस भूमिपर महिलाओंके साथ ऐसे कृत्य असहनीय है । शासन इसका त्वरित अन्त करें ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : ऑप इण्डिया
Leave a Reply