ऑस्ट्रेलियाके संग्रहालयमें रखी ५०० वर्ष प्राचीन नटराज भगवानकी प्रतिमा चोरीकी निकली, भारतको लौटाई जा सकती है !


सितम्बर १४, २०१८

ऑस्ट्रेलियाके संग्रहालयमें रखी ५०० वर्ष प्राचीन नटराजकी (भगवान शिव) प्रतिमा चोरी की हुई निकली है ! ‘आर्ट गैलरी’ने इस बातकी पुष्टि की है । नटराजकी प्रतिमाको भारत वापस भेजा जा सकता है । ऑस्ट्रेलियन प्रसार वाहिनी ‘एबीसी’के अनुसार नटराजकी यह प्रतिमा १६वीं शताब्दीकी थी, जो १९७० के दशकमें तमिलनाडुके नेल्लई स्थित एक मन्दिर से ओझल हो गई थी ! नेल्लईके मन्दिर से नटराज भगवान सहित चार प्रतिमाएं चुराई गई थीं ।

एडीलेड स्थित ‘आर्ट गैलरी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया’का (एजीएसए) कहना है, “हम प्रतिमाके बारेमें शोध कर रहे थे । इसी मध्य ‘एशियन आर्ट क्यूरेटर’ने सितम्बर २०१६ में बताया कि नटराजकी प्रतिमा चुराई गई थी ! भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियोंके मध्य वार्ता हो चुकी है । ३० दिवसोंमें हम प्रतिमाको भारतको वापस कर सकते हैं ।” मन्दिर निर्माण कलाके जानकार और ‘द अाइडल थीफ’ पुस्तकके लेखक कुमारने बताया कि ‘एजीएसए’द्वारा दी गई जानकारी ठीक है । २०१६ में हमारे ‘आर्काइव फोटो’से प्रतिमाके बारे में जानकारी मिली ! कुमार कहते हैं कि चौंकाने वाली बात यह है कि दो वर्ष पूर्व चोरीका ज्ञात होने पर ऑस्ट्रेलियाके अधिकारी चुप रहे, क्या यही उनकी नैतिकता है ?

कुमारके अनुसार, “चोरीकी गई प्रतिमा आज भी चुराई गई चीज ही है । प्राचीन कालकी चीजोंके लिए भारतका अपना विधान है । प्रतिमा सौंपनेकी प्रक्रिया तभी हो पाएगी, जब दोनों देशोंके शासन सम्मिलित हों ।” एबीसीके विवरण अनुसार ‘आर्ट गैलरी’ने २००१ में ७६ सेमी ऊंची नटराजकी प्रतिमा ३ लाख ३० सहस्त्र डॉलरमें क्रय की थी । ‘आर्ट गैलरी’ने २४ चीजोंमें कुछ समस्याएं बताई थीं । केवल नटराजकी मूर्तिपर भारतने दावा किया था । लिखितपत्रकके अनुसार प्रतिमाको ब्रिटेनके मध्यस्थोंकेद्वारा एक यूरोपियन व्यक्तिसे क्रय किया गया था । ‘आर्ट गैलरी’के तत्कालीन निदेशक रॉन रेडफोर्ड से मध्यस्थोंने कहा था कि प्रतिमा चोरीकी नहीं है; लेकिन दलालने बताया था कि प्रतिमाके स्वामीका पता नहीं है ।

स्रोत : दैनिक भास्कर



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