आपातकाल आनेवाला है, यह जानते हुए भी योग्य साधना न करना, यह उसीप्रकार है जैसे मधुमेहके रोगीका यह जानते हुए भी कि अधिक मीठा खानेसे कष्टकी तीव्रता बढ जाएगी और तब भी उसे खाना और उसके पश्चात पछताना ! साधको, आनेवाले भीषणकालमें मात्र और मात्र ईश्वर ही आपकी रक्षा कर सकते हैं, यह जानते हुए भी यदि आप साधनाको प्राथमिकता नहीं देते हैं तो आपको भविष्यमें निश्चित ही बहुत पछताना पडेगा ! जिन्हें इसका ज्ञान नहीं है तो हो सकता है कि उनकी सहायता आपातकालमें ईश्वर कर दें; किन्तु सब जानते हुए भी साधना नहीं करनेपर ईश्वर आपकी सहायता करेंगे, ऐसे भ्रममें न रहें !
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