अल्लाहका आदेश था, इसलिए धर्मान्धने तोडी बजरंगबलीकी प्रतिमा !!


जनवरी १७, २०१९

उत्तर प्रदेशके प्रतापगढमें एक धर्मान्ध युवकने अपने दो मित्रोंके साथ मिलकर हनुमान मंदिरका ताला तोडकर मन्दिरमें रखी प्रतिमा खण्डित कर दी और बाहर निकलकर नमाज करने लगा, तत्पश्चात उठकर इस्लामिक उद्घोष भी लगाए ! जब स्थानीय लोगोंने उन लोगोको पकडनेका प्रयास किया तो उनमेंसे दो भाग गए और एक युवक पकडा गया, जिसे पुलिसको सौंप दिया गया । पुलिसने युवकको बन्दी बनाकर कारावास भेज दिया और मंदिरमें नूतन प्रतिमाकी प्राण प्रतिष्ठाकी तैयारी आरम्भ कर दी ।


बताया जा रहा है कि मंगलवार, १५ जनवरीकी प्रातः प्रतापगढके पट्टी कोतवाली अन्तर्गत उडईयाडीह बाजार स्थित हनुमान मंदिरमें एक धर्मान्ध युवकने ताला तोडकर उसमें रखी बजरंगबलीकी प्रतिमाको खंडित करके बाहर फेंंक दिया और बाहर निकलकर उसने नमाज की । आसपासके लोगोंने जब उसे ऐसा करते देखा तो पकड लिया और उसकी पिटाई कर दी । लोगोंने जब उससे पूछा कि उसने ऐसा क्यों किया ?, तो उसने कहा कि उसे स्वप्न आया था और ऐसा करनेके लिए उसे अल्लाहने कहा था । यद्यपि वहां भीड उसे समझाती रही कि अल्लाह और भगवान एक ही है, परन्तु वह अपनी ही बातपर अडा रहा ।

पुलिसने युवकको कारावास भेज दिया । एसपी एस.आनंदने प्रकरणको संज्ञानमें लेते हुए आरोपियोंके विरुद्ध कडी कार्यवाहीके निर्देश दिए हैं ।

 

“इस्लाम, मौलवी और अब अल्लाह भी मन्दिरोंको तोडनेका आदेश देने लगा है ! हास्यास्पद ही है कि जिस धर्मान्धके भीतर बालपनसे ही हिन्दूद्रोहका विष भरा गया है, उसे धर्महीन मूढ हिन्दू समझा रहे हैं कि अल्लाह और भगवान एक है !! क्या ऐसे हिन्दू, कलको यदि यही धर्मान्ध इन्हें अल्लाहका आदेश बताकर घरसे भगा दें, तो कुछ कर पाएंगें ? भारत शासन कुम्भकर्ण निद्रासे जागे और इससे पूर्व भारत इस्लामकी ओर बढे, ऐसे प्रकरणपर कडीसे कडी कार्यवाही करे, अन्यथा अल्लाह कलको एकके स्थानपर अनेकों मन्दिर तोडनेका आदेश दे सकता है और वह स्थिति राष्ट्रके लिए अत्यन्त विकट होगी !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : इपोस्टमोर्टम



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