धार्मिक कृतियां

कर्पूर-आरतीके पश्चात् देवताओंके नाम का जयघोष क्यों करना चाहिए?


`उद्घोष’ यानी जीवकी नाभिसे निकली आर्त्त पुकार । संपूर्ण आरतीसे जो साध्य नहीं होता, वह एक आर्त्त भावसे किए जयघोषसे साध्य हो जाता है ।-तनुजा ठाकुर

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सीता माताने भूमि समाधि क्यों ली ?


सीता माताका जन्म भूमिके हिरण्यगर्भ लहरियोंके घनीभूत होनेके कारण हुआ था और जो जिस स्वरूपसे प्रकट होता वह कार्य पूर्ण होनेपर उसी मूल स्वरूपमें विलीन हो जाता है यह प्रकृतिका विधान है, सीता माता भूमि समाधिके माध्यमसे पुनः पृथ्वीमें समाहित हो गईं !-तनुजा ठाकुर

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कुलदेवताके जपका महत्व


१. ” कुल” अर्थात मूल, और मूलका संबंध मूलाधार चक्र, शक्ति या कुण्डलिनीसे होता है | कुल + देवता, अर्थात जिस देवताकी उपासनासे मूलाधार चक्र जागृत होता है, अर्थात अध्यात्मिक उन्नति आरम्भ होती है, उन्हें कुलदेवता कहते हैं | २. कुलदेवताके नाममें सर्व ३३ कोटी देवताके तत्त्व समाहित होते हैं | ३. कुलदेवता पृथ्वी तत्त्वके […]

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मंदिरकी या गर्भगृह -प्रदक्षिणाके समय प्रार्थना


            देवालय (मंदिर ) में देव दर्शन के पश्चात मंदिर की या गर्भगृह की प्रदक्षिणा करें और उस समय यह प्रार्थना करें , यदि यह संभव न हो तो खड़े होकर तीन बार स्वयंअपनी चारो ओर प्रदक्षिणा कर यह प्रार्थना बोलें ! यानि कानि च पापानि जन्मांतर कृतानि च । […]

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बच्चोंको संस्कारित कैसे करें ? भाग – १


  सूर्योदयसे पूर्व उठना शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य दोनोंके लिए लाभकारी होता है | अतः यह संस्कार बच्चोंमें अवश्य डालनेका प्रयास करना चाहिए । अब तो वैज्ञानिकोंने भी यह शोध कर बता दिया है कि सुबह शीघ्र उठनेवालोंकी मेधा शक्ति एव शारीरिक क्षमता देरसे उठनेवालोंसे कई गुना अधिक अच्छी होती है | कई बार ऐसा […]

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बच्चोंको संस्कारित कैसे करें ? भाग – २


धर्मशिक्षणके अभावमें आजकल अनेक माता-पिता अपने बच्चोंका पालन पोषण योग्य प्रकारसे नहीं कर पाते और परिणामस्वरूप उनके बच्चोंको अल्प आयुसे ही अनेक प्रकारके शारीरिक और मानसिक कष्ट होने आरंभ हो जाते हैं | मैंने आजकलके माता -पिताकी पालन-पोषणमें निम्नलिखित त्रुटियां देखी हैं – बच्चोंको अल्प आयुसे ही कोल्ड ड्रिंक्स और बाहरके बने पदार्थ जैसे चिप्स, […]

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बच्चोंको संस्कारित कैसे करें ? भाग – ३


दूरदर्शन संचके कार्यक्रम और उसका बाल मनपर प्रभाव ! आज अनेक पालक अपने बच्चेको यथोचित समय नहीं दे पाते हैं, कई बार वे व्यस्त रहते है और बच्चे उनके कार्यमें व्यवधान न डालें इसलिए वे बच्चोंको दूरदर्शन संचमें कोई कार्यक्रम देखने हेतु कहते हैं, इससे बच्चोंके शारीरिक मानसिक बौद्धिक और आध्यात्मिक सभी प्रकारके विकासमें अवरोध […]

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धर्माचरण


धर्माचरण उसे कहते हैं जिससे मन, बुद्धि और शरीर को अल्प सा कष्ट हो परन्तु उससे देवत्व निर्माण हो, भारतीय संस्कृति अंतर्गत प्रतिदिन का धर्मचारण साधना का अभिन्न भाग हुआ करता था अतः उसका पालन करना थोडा कठिन होता था पाश्चात्य संस्कृति अनुसार जीने की शैली में सुविधा है परन्तु साधना नहीं होती, उसके कुछ उदहारण […]

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घरमें फिल्मी अभिनेता,अभिनेत्रियों, क्रिकेट खिलाड़ी, इत्यादिके चित्र न लगाएं !!!


घरमें फिल्मी अभिनेता और अभिनेत्रियों एवं आजके राजनेता, क्रिकेट खिलाड़ी, इत्यादिके चित्र न लगाएं , इससे भी रज-तम प्रधान स्पंदन घरमें निर्मित होते हैं | – तनुजा ठाकुर

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ब्राह्म मुहूर्तमें क्यों उठना चाहिए ?


२४ घण्टेमें ३० मुहूर्त होते हैं । ब्रह्म मुहूर्त रा‍त्रिका चौथा प्रहर होता है । सूर्योदयके पूर्वके प्रहरमें दो मुहूर्त होते हैं । उनमेंसे प्रथम मुहूर्तको ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं । दिन-रातका ३० वां भाग ‘मुहूर्त’ कहलाता है अर्थात २ घटी या ४८ मिनटका कालखण्ड मुहूर्त कहलाता है । उसके पश्चातवाला विष्णुका समय है, उस […]

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