प्रेरक प्रसंग

साधनाकी दृष्टिकोण देती प्रेरक कथाएँ भाग – 11


संत उपदेश देने से पहले उन्हें अपने जीवन में चरितार्थ करते हैं अतः संतों की वाणी में चैतन्य होता है और साधक उनसे प्रभावित हो संत के बताए मार्ग का अनुसरण करते हैं | कथनी और करनी में भेद होने से चैतन्य का भाग नगण्य होता है | इस संदर्भ में एक रोचक प्रसंग बताती […]

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प्रेरक प्रसंग


संकल्पसे कार्य सिद्धि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर सावरकर जब अंडमान कारागृह (जेल) में थे, तब उनके पास न लेखनी थी और न कागद । उनके सृजनशील मानसमें कई विचार उठते किंतु उन्हें लिपिबद्ध कैसे करें ? एक दिन ऐसे ही वे एकांत कोठरीमें बैठे विचार-मग्न थे कि उन्हें इस समस्या का समाधान सूझ गया । […]

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प्रेरक प्रसंग


आद्यगुरु शंकराचार्य लोगोंको यही शिक्षण देते थे कि अपने समयको अच्छे कार्योंमें (साधनामें) लगाओ ।  किसी समय एक धनवान श्रद्धालुने उनसे कहा, ‘महात्मन्, यदि कोई व्यक्ति समयकी न्यूनताके कारण अपना समय अच्छे कार्योंमें न लगा पाए, तो उसे क्या करना चाहिए ?’ शंकराचार्यने उस व्यक्तिको समझाते हुए कहा, “मेरा परिचय आज तक ऐसे किसी व्यक्तिसे […]

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प्रेरक कथा


एक राजाका दान एक संन्यासी एक राजाके पास पहुंचे। राजाने उनका अत्यधिक आतिथ्य-सत्कार किया। संन्यासी कुछ दिन वहीं रुक गए। राजाने उनसे कई विषयोंपर चर्चा की और अपनी जिज्ञासा सामने रखी। संन्यासीने विस्तारसे उनका उत्तर दिया। जाते समय संन्यासीने राजासे अपने लिए उपहार मांगा। राजाने एक पल सोचा और कहा, ‘‘जो कुछ भी राजकोषमें है, […]

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प्रेरक कथा


तीर्थयात्रा करते समय हमारी प्रवृत्तिका अन्तर्मुख होना आवश्यक ! भक्तिमार्गीके लिए तीर्थयात्राका अत्यधिक महत्त्व है । पहलेके समय यात्रामें जाना अत्यधिक कठिन था, या तो पैदल नहीं तो बैलगाडीमें यात्राकी जाती थी । थोडे-थोडे समयपर रुकना होता था । इसी क्रममें विविध प्रकारके व्यक्तियोंसे मिलना होता था, समाजसे अनेक विषय सीखनेको मिलते थे । विविध […]

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सन्तकी प्रार्थनाका प्रभाव


फाल्गुन कृष्ण पक्ष नवमीको (विक्रम संवत अनुसार) अर्थात् २० फरवरी २०१७ को समर्थ रामदास स्वामीजीकी पुण्यतिथि है, आइए ! उनके जीवनसे सम्बन्धित प्रेरक प्रसंगके विषयमें जानते हैं, जिससे उनके आध्यात्मिक सामर्थ्यका भी हमें बोध होगा । समर्थ रामदास स्वामी भिक्षा मांगकर अपना पेट भर लेते थे और भगवानकी भक्तिमें लीन रहते थे । एक दिन […]

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प्रेरक-कथा


मृत पूर्वजोंके स्वप्नमें दिखाई देनेपर श्राद्ध अवश्य करना चाहिए       देवताओंके लिए जो हव्य दिया जाता है और पितरोंके लिए जो कव्य दिया जाता है – ये दोनों देवताओंको और पितरोंको कैसे मिलते हैं ?इसके प्रत्यक्ष जानकार यमराज हैं; क्योंकि ये दोनों उनके अधिकार क्षेत्रमें आते हैं । अपनी स्मृतिमें उन्होंने कहा है कि ‘मंत्रवेत्ता […]

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प्रेरक कथा


सरलतासे ईश्वर प्राप्ति सतपुडाके वन प्रांतमें अनेक प्रकारके वृक्षोंमें दो वृक्ष सन्निकट थे ।  एक सरल-सीधा चंदनका वृक्ष था और दूसरा टेढा-मेढा पलाशका वृक्ष था । पलाश पर फूल थे । उसकी शोभासे वन भी शोभित था । चंदनका स्वभाव अपनी आकृतिके अनुसार सरल तथा पलाशका स्वभाव अपनी आकृतिके अनुसार वक्र और कुटिल था; परन्तु […]

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प्रेरक कथा


शुल्कमें भेद क्यों ? वैदिक संस्कृतिमें अर्थोपार्जनके माध्यमको ‘उपजीविका’ कहते हैं , उपजीविका अर्थात् जो जीविकाको सहाय्य हो , तो जीविका क्या है ? ईश्वर प्राप्ति ही मनुष्यकी मुख्य जीविका है और जो उसमें सहाय्य करे वह उपजीविका है अतः पहले जीतने भी उपजीविका थे वे सब शास्त्र सम्मत थे , ईश्वरप्राप्तिमें सहायता करते थे […]

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साधनाका दृष्टिकोण देती कुछ प्रेरक कहानियां – भाग – ३


वर्ष १९९९ में एक मंदिरमें साप्ताहिक सत्संग लिया करती थी, वहांं अधिकांश स्त्री साधिकाओंकी उपस्थिती हुआ करती थी । एक दिन मैंने देखा, एक पुरुष साधक लगातार कई सप्ताह से उस सत्संग में आ रहे हैं और बड़ी जिज्ञासा से मेरी बातें सुन, उसे लिख कर रखा करते थे । एक दिन एक और पुरुष […]

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