अध्यात्म

आर्थिक संकटको दूर करनेके कुछ उपाय (भाग-११)


यदि आपके घरमें स्थान हो तो देशी गाय पालें ! देशी गायके दैवी वलयके कारण घरमें अनिष्ट शक्तियोंका कष्ट न्यून हो जाता है । उसके मूत्रका छिडकाव अपने घरमें प्रातः व सन्ध्या समय करें; क्योंकि आज घरोंके भूमिको गोबरसे लीपना सरल नहीं है । उसे अपने घरकी जूठन, ‘प्याज’-लहसुन, सडे-गले पदार्थ खाने हेतु न दें […]

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आर्थिक संकटको दूर करनेके कुछ उपाय (भाग-१०)


रात्रिमें अपने अन्नपूर्णा कक्षमें (रसोईघरमें) या घरमें कभी भी जूठे पात्र (बर्तन) न छोडें ! यदि आपको उन्हें धोनेमें आलस्य हो रहा हो तो उसे पानीसे धोकर जूठन निकाल दें एवं व्यवस्थित करके रख दें ! जूठे पात्रमें लगे हुए भोज्य पदार्थसे रात्रि कालमें विचरण करनेवाले निशाचर लिंगदेह अपनी वासनाकी तृप्ति करते हैं इससे उन […]

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आर्थिक संकटको दूर करनेके कुछ उपाय (भाग-९)


तुलसीकी प्रतिदिन पूजा करना और उसके पौधेमें जल अर्पित करना हमारी प्राचीन परम्परा है । मान्यता है कि जिस घरमें प्रतिदिन तुलसीकी पूजा होती है, वहां सुख-समृद्धि, सौभाग्य बने रहते हैं । तुलसीकी एक विशेषता है कि यदि उसका भावपूर्वक अनुरक्षण (रखरखाव) एवं नियमित पूजा हो तो वह घरकी नकारात्मकताको सोख लेती है एवं कई […]

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आर्थिक संकटको दूर करनेके कुछ उपाय (भाग-८)


अपने घरमें देशी गायके घीका दीपक जलाएं ! देशी गायका घी आप स्वयं घरसे बनायेंगे तो अच्छा होगा; क्योंकि अधिकांश पूजन सामग्री विक्रय स्थलोंमें बिकनेवाला घी कैसा होता है ?, यह जानने हेतु नीचे दिए लेखको अवश्य पढें ! कृपया रामदेव बाबाके घीका भी पूजा हेतु उपयोग  न करें, उसमें स्पष्ट लिखा होता है ‘गायका […]

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समष्टि पाप रोकनेसे ही प्राकृतिक आपादाओंका प्रमाण न्यून होगा !


प्राप्त समाचारके अनुसार इंदौर नगरमें और आसपासके क्षेत्रोंमें दो दिवस पूर्व हुई वर्षाने ३९ वर्षका कीर्तिमान तोड दिया है और २४ घण्टोंमें ११ इंच वर्षा हुई है; फलस्वरूप १५० से अधिक स्थानोंपर जल भरावकी स्थिति निर्मित हो गई । इंदौरके निकट हातोद और यशवंत सागरके पासके गावोंमें पानी भर गया है । सरोवर (तालाब) और […]

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भैंस एक तमोगुणी प्राणी हैं, अतः उसके दूधका उपयोग पीनेमें या पूजामें न करें !


कुछ दिवस पूर्व आश्रमके पासके ग्रामसे आई एक स्त्रीसे चर्चा हो रही थी । वे कह रही थीं कि वे तो भैंसका दूध ही लेती हैं और उसीसे रुद्राभिषेक भी करती हैं । मैंने कहा, “किन्तु भैंस एक तमोगुणी प्राणी है और असुर अपनी आसुरी शक्ति बढाने हेतु भैंसके दूधसे रुद्राभिषेक करते हैं, हमें ऐसा […]

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सोलह संस्कार सीखनेका महत्व !


 मानपुर आश्रम परिसरमें हम जैविक खेती कर रहे हैं । पहले कभी जैविक खेती नहीं की है; अतः उसे भिन्न माध्यमोंसे सीखनेका भी प्रयास कर रहे हैं । ऐसे ही एक दिवस मैं जैविक खेतीका (आर्गेनिक फार्मिंगका) एक ‘वीडियो’ देख रही थी तो उसमें बताया जा रहा था कि बीजको रोपनेसे पूर्व ही उसपर गोबर […]

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धर्मशास्त्रोंको तुच्छ नहीं समझना चाहिए !


कुछ लोग वेदोंको मानते हैं; किन्तु अन्य धर्मशास्त्रोंकी अवहेलना करते हैं । ऐसे लोगोंने यह ध्यान रखना चाहिए कि हिन्दू धर्मके मुख्य धर्मशास्त्रको वेदज्ञोंने या सन्तोंने ही लिखा है; अतः उसके ज्ञानको किसी भी दृष्टिसे कम नहीं आंकना चाहिए ।   कुछ लोग वेदोंमें श्रद्धा रखते हैं; किन्तु अन्य धर्मशास्त्रोंको तुच्छ समझते हैं । वस्तुतः […]

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भगवान भक्तवत्सल होते हैं, अतः हिन्दुओं, भक्त बनें !


भगवान भक्तवत्सल होते हैं; अतः वे भक्तोंका रक्षण करते हैं और ‘भक्त’ उसे कहते हैं, जो ईश्वरसे एक क्षणके लिए भी ‘विभक्त’ नहीं होता । भक्त प्रह्लाद भक्तियोगकी साधना करनेवाले एवं ईश्वरसे अखण्ड अनुसन्धान साध्य करनेवाले तथा भक्तकी परिभाषाको चरितार्थ करनेवालेका एक उदाहरण हैं, जिनका ईश्वरने एक बार नहीं; अपितु अनेक बार उनके दुष्ट पिताके […]

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सन्त किसे कहते हैं ?


सन्त किसे कहते हैं ?, समाजको इसकी आध्यात्मिक परिभाषाका ज्ञान न होनेसे अधिकांश व्यक्ति किसी भी तिलकधारी गेरुआवस्त्रधारी, जो गोसेवा करते हों या समाजसेवा करते हों उन्हें सन्त मान लेते हैं । वस्तुतः ऐसे लोगोंको अध्यात्ममें उन्नत कहते हैं या उनके पास दैवी शक्ति हो तो सिद्ध कहते हैं ! सन्त पद प्राप्त करना एक […]

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