हमारे जीवनकी ८०% समस्याएं मूलतः आध्यात्मिक स्वरूपकी होती हैं अर्थात शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तरपर कितने भी प्रयास करें, उसका हल नहीं मिलता, सुखी गृहस्थ जीवनके लिए वैदिक संस्कृति अनुसार धर्माचरण करें, अपने कुलदेवता और पितरको सन्तुष्ट रखें, ये दोनों प्रसन्न रहेंगे और आप कर्मसे वैदिक होंगे तो आप अपनी ही क्यों, अन्य कई लोगोंकी समस्याओंका निराकरण कर पाएंगे; क्योंकि वैदिक धर्मके पालनसे देवत्व निर्माण हो जाता है और पाश्चात्य संस्कृतिका जितना अनुकरण करेंगे उतना ही दुःखी और परेशान रहेंगे ! इस हेतु कुलदेवताका नामजप करें और पितृ दोष निवारण हेतु श्राद्धपक्ष इत्यादि श्रद्धा पूर्वक करें और नियमित ‘कमसे कम’ दो घण्टे ‘श्री गुरुदेव दत्त’का जप करें ! यह सरल शास्त्र अन्य लोगोंको भी बताएं ! आपके ऊपर निश्चित ही ईश्वरकी कृपा हो जाएगी और आपको अगले चरणका मार्गदर्शन भी स्वतः ही मिल जाया करेगा ।
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