भ्रष्टाचारग्रस्त, व्याभिचारग्रस्त भारतमें इस प्रकारके कोई न कोई समाचारका प्रकाशित होना इस देशका दुर्भाग्य बन गया है ! समाजके आजके सारे तथाकथित आदर्श (रोल मॉडल) बने हुए नायक वस्तुतः खलनायक और खलनायिका हैं तभी तो समाज विनाश की ओर बढ रहा है ! -तनुजा ठाकुर
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