ईश्वरको भोले एवं सरल हृदयवाले व्यक्ति प्रिय होते हैं । हम जितने नम्र और शरणागत रहते हैं, उतना ही अधिक उनका ध्यान हमपर रहता है । वैसे ही जैसे निर्बल चूजोंके (शावकोंके) प्रति चिडियाका अधिक ध्यान रहता है । जब चूजे स्वयं सिद्ध होकर अपना भोजन ढूंढने लगते हैं और उडने लगते हैं, तब चिडिया भी उनका साथ छोड देती है । वैसे ही जब हम ईश्वरका आधार छोड देते हैं और हमें लगता है कि हम सब कुछ कर सकते हैं तब ईश्वर भी हमपर अपना ध्यान न्यून कर देते हैं ।
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