अक्तूबर २९, २०१८
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधीने सोमवार, २९ अक्टूबरको प्रातः मध्य प्रदेशके उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिरमें दर्शन किया । स्वयंको कई अवसरपर परम शिव भक्त और जनेऊधारी बता चुके राहुल, मंदिरमें पारम्परिक वेश-भूषामें पूजा-अर्चना करने पहुंचे थे । उनके साथ उस दौरान मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और पार्टी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया उपस्थित रहे । सबसे विशेष बात है कि वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष अपने कुटुम्बसे महाकालके दरबारमें आने वाले प्रथम नहीं है । राहुलसे पूर्व यहां उनकी दादी व पूर्व प्रधानमन्त्री इंदिरा गांधी और मां व संयुक्त प्रगतिशील गठबंधनकी (यूपीए) अध्यक्षा सोनिया गांधी भी महाकालके दर्शनको पहुंची थीं । इन्दिरा दिसम्बर १९७९ में वहां बाबाके दर्शनको पहुंची थीं, जबकि सोनिया २००८ में महाकालके दरपर चमत्कारकी आशा लगाकर गई थीं । ऐसेमें राहुल भी दादी और मांके पश्चात् महाकालसे चमत्कारकी आशाको लेकर वहां पहुंचे ।
आपको बता दें कि २३० सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभाके लिए २८ नवम्बरको मतदान होगा, जबकि ११ दिसम्बरको इसके परिणाम अन्य चार राज्योंके (राजस्थान, छत्तीसगढ, मिजोरम व तेलंगाना) साथ जारी किए जाएंगे । चुनाव निकट आते-आते राहुलकी इन स्थानोंपर रैलियां और सक्रियता देखते बन रही है । महाकालके दर्शनसे कुछ समय पूर्व वह कैलाश मानसरोवरकी यात्रा पर भी गए थे ।
उधर, भारतीय जनता पार्टीने राहुलपर लक्ष्य साधा है । पार्टी प्रवक्ता सम्बित पात्राने राहुलसे उनका गोत्र पूछा । कहा, “यदि राहुल जनेऊ पहनते हैं, तो वह कौन सा जनेऊ है और उनका गोत्र कौन सा है ?”
“सन्त, गौमाता, गंगा और भागवतोंकी दुर्गति कर महाकालके आशीर्वादको पहुंची सोनियाजीको बताना चाहेंगें कि ईश्वर धर्ममें वास करता है और धर्मकी घोर अव्हेलना कर, मतदान आते ही देवालय जानेसे ईश्वरकी कृपा प्राप्त नहीं होगी और अब हिन्दू भी जागृत हो चला है, तो केवल चोला धारण करनेसे भी लोगोंको बहकाना सम्भव नहीं !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : जनसत्ता
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