विज्ञानने विविध कार्योंमें व्यतीत होनेवाला मानवका समय बचाया है । उस समयका कैसे उपयोग किया जाए, यह विज्ञानने नहीं सिखाया, परिणामस्वरूप मानव सुखलोलुप हो गया । उस समयका उपयोग मानवने साधनाके लिए किया होता तो उसे वास्तविक लाभ हुआ होता । वैसा न करनेसे मानव तीव्र गतिसे पराकोटिकी अधोगतिकी ओर अग्रसर हुआ है । – परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवले संस्थापक, सनातन संस्था
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