मेरे सूक्ष्म जगत संबंधी अनुभूतियोंपर कुछ हिंदुओंने ‘बकवास है यह सब’ ऐसी प्रतिक्रिया दी है !!


मेरे सूक्ष्म जगत संबंधी अनुभूतियोंपर कुछ हिंदुओंने ‘बकवास है यह सब ‘ ऐसी प्रतिक्रिया दी है !! हमारे सारे धर्मग्रंथोमें सूक्ष्म जगतके विषयोंकी भरमार है ऐसेमें आजका तथाकथित हिन्दु उसे ‘बकवास’ कहकर अपने आध्यात्मिक खोखलेपनका परिचय देते हैं ! ध्यान रहे संत तुलसीदासको प्रभु श्रीरामजीसे मिलवानेका मुख्य श्रेय एक पिशाचको जाता है; अतः हिंदुओंको एक शास्त्रोक्त पद्धतिसे धर्मशिक्षण देना कालकी मांग हो गयी है जिसके अंतर्गत सूक्ष्म ज्ञानकी जानकारी बढाने हेतु सूक्ष्म इंद्रियोंको साधनाद्वारा जागृत करना भी समाहित है ! कठोर तप कर सूक्ष्म जगतकी जानकारी प्राप्त की है, असत्य कथाएं रचकर मेरी साधना नष्ट न होगी क्या ? – तनुजा ठाकुर



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