संत वाणी

सन्त वाणी


एक बच्चेका जन्म उस दिवस और उस घण्टेमें होता है, जब ब्राह्मण्डीय किरणें उस जीवात्माके कर्मोंके गणितीय सामंजस्यके अनुरूप होती हैं । – स्वामी श्री युक्तेश्वर गिरी

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सन्त वाणी


संसारकी प्रत्येक वस्तु प्रतीक्षा कर सकती है; परन्तु ईश्वरके लिए हमारी खोज प्रतीक्षा नहीं कर सकती है । – परमहंस योगानन्द

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सन्त वाणी


व्यक्तिकी धारणा (मान्यता) उसके वातावरणसे प्रभावित होती है; अतः उसे पवित्र व ज्ञानियोंकी ही संगति करनी चाहिए । अपने आत्मरूपमें विश्वास ही सच्ची धारणा है एवं अनात्माको आत्मरूप मानना ही अविश्वास है । – स्वामी रामकृष्ण परमहंस

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सन्त वाणी


यदि तुम्हें उन्मत्त होना ही है तो सांसारिक पदार्थोंके लिए मत हो; वरन सदैव ईश्वरके लिए हो । – स्वामी रामकृष्ण परमहंस

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सन्त वाणी


तुम्हारे सभी कार्य प्रार्थना हैं, सभी वृक्ष इच्छा पूर्ति करनेवाले हैं, सारा पानी गंगाजल ही है, सारी भूमि वाराणसी ही है, सबसे प्रेम करो । – नीम करोली बाबा

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सन्त वाणी


आसक्ति, आत्मज्ञानके मार्गमें सबसे बडी बाधा है । – नीम करोली बाबा

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सन्त वाणी


बन्धनमें पडे ‘अहम्’का अन्वेषण करना तथा बन्धनसे मुक्त अपने यथार्थ स्वरुपको जानना ही मुक्ति है – रमण महर्षि

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सन्त वाणी


कपटिकाओंमें बंद वेदान्तकी पुस्तकोंसे कार्य न चलेगा, तुम्हें उसको आचरणमें लाना होगा। – स्वामी रामतीर्थ

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सन्त वाणी


यदि विश्वमें तीन कोटि ईसा, मुहम्मद, बुद्ध या राम जन्म लें तो भी तुम्हारा उद्धार नहीं हो सकता, जबतक तुम स्वयं अपने अज्ञानको दूर करनेके लिए कटिबद्ध नहीं होते, तबतक तुम्हारा कोई उद्धार नहीं कर सकता; इसलिए दूसरोंका विश्वास मत करो । – स्वामी रामतीर्थ

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सन्त वाणी


अच्छी संगति बुद्धिके अंधकारको हरती है, वचनोंको सत्यकी धारसे सींचती है, मानको बढाती है, पापको दूर करती है, चित्तको प्रसन्न रखती है और चारों ओर यश फैलाकर मनुष्योंको क्या क्या लाभ नहीं पहुंचाती ? – भतृहरि

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