जैसे आगमें डालनेसे सोना काला नहीं पडता, वैसे ही जिस शिक्षकके सिखानेमें किसी प्रकारकी चूक न दिखलाई पडे उसे ही सच्ची शिक्षा कहते हैं।–कालिदास
अत्यंत लोभीका धन तथा अधिक आसक्ति रखने वालेका काम – ये दोनों ही धर्मको हानि पहुंचाते हैं । – वेदव्यास
जो व्यक्ति अपना पक्ष छोडकर दूसरे पक्षसे मिल जाता है, वह अपने पक्षके नष्ट हो जाने पर स्वयं भी परपक्षद्वारा नष्ट कर दिया जाता है । – महर्षि वाल्मीकि
जो मनुष्य जिसके साथ जैसा व्यवहार करे, उसके साथ भी उसे वैसा व्यवहार करना चाहिए, यह धर्म है । – वेदव्यास
प्रिय शब्द स्वयं कहकर दूसरोंके शब्दोंके प्रयोजनको हृदयंगम करना निर्मल स्वभाव वाले महान व्यक्तियोंका सिद्धांत है । – तिरुवल्लुवर
अमृत और मृत्यु दोनों इस शरीरमें ही स्थित हैं । मनुष्य मोहसे मृत्युको और सत्यसे अमृतको प्राप्त होता है । – वेदव्यास
धनका प्रयोग केवल दूसरोंकी भलाईमें होना चाहिए, अन्यथा यह अहंकार एवं विलासिताका स्रोत बन जाता है |- स्वामी विवेकानन्द