अध्यात्म

गुरु कृपा पाना ब्रह्माण्डका सबसे कठिन कार्य !


कुछ लोग सन्तोंके लिए कुछ भी करते नहीं है; किन्तु उनसे कहते हैं कि आप कृपा करें इससे हमारा उद्धार हो जाएगा । ऐसे सभी लोगोंको बता दें कि सन्तोंने कठोर साधना कर गुरुकृपा प्राप्त की होती है; इसलिए वे भी सुपात्रपर ही अपनी कृपा बरसाते हैं । किसीके बोलनेसे कृपा बरसती नहीं है ! […]

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आपातकालमें देवताको ऐसे करें प्रसन्न (भाग-१५)


आपको तो ज्ञात ही होगा कि पिछले एक माहमें पृथ्वी १५० से अधिक बार हिल चुकी है अर्थात भूकम्पके झटके अनुभव किए गए हैं | इसलिए अपने घरको अपने गुरुका आश्रम या आपके आराध्यका मंदिर है, यह समझकर उसमें रहें ! वे हमें सतत देख रहे हैं, ऐसा भाव रखें ……

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आपातकालमें देवताको ऐसे करें प्रसन्न (भाग-१४)


आजकल भोजनालयमें जाकर खानेका प्रचलन बहुत अधिक बढ गया है । मैंने देखा अब तो छोटे नगरोंमें भी चलन बढ गया है । अनेक बार भोजनालयमें यदि हम अधिक भोजन मंगवा लेते हैं और उसे खा नहीं सकते हैं तो उसे घर ले जाने हेतु बंधवा लेते हैं । घर आनेपर भी भूख न होनेपर …….

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आपातकालमें देवताको ऐसे करें प्रसन्न (भाग-१३)


अनेक घरोंमें अतिथि जब आते हैं तो उन्हें चाय और नमकीन देते हैं । कई बार अतिथि उसे थोडा खाकर छोड देते हैं तो घरकी स्त्रियां उसे पुनः अन्नपूर्णा कक्षमें ले जाकर, वह डिब्बेमें डाल देती हैं । पूछनेपर कहती हैं कि यह सूखा था; इसलिए ……

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आपातकालमें देवताको ऐसे करें प्रसन्न ! (भाग-१०)


अन्नपूर्णा कक्षमें रोटी बनानेके पश्चात प्रथम रोटी गायको देनी चाहिए तथा अन्तिम रोटीपर कुत्तेका अधिकार होता है ।
उसी प्रकार आटा या चावल पकाने हेतु निकालते समय उसे एक मुट्ठी पहले किसी पात्रमें निकालकर रखें ……

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आपातकालमें देवताको ऐसे करें प्रसन्न (भाग-१३)


अनेक घरोंमें अतिथि जब आते हैं तो उन्हें चाय और नमकीन देते हैं । कई बार अतिथि उसे थोडा खाकर छोड देते हैं तो घरकी स्त्रियां उसे पुनः अन्नपूर्णा कक्षमें ले जाकर, वह डिब्बेमें डाल देती हैं । पूछनेपर कहती हैं कि यह सूखा था; इसलिए जूठा नहीं हुआ । वैसे तो वह जूठा ही […]

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आपातकालमें देवताको ऐसे करें प्रसन्न ! (भाग-१२)


रात्रिकालमें प्रसाद पानेके (भोजन ग्रहण करनेके) पश्चात सभी पत्रोंको स्वच्छकर अन्नपूर्णा कक्षको व्यवस्थित करके ही सोएं ! यह बात हमने अपनी माताजीसे सीखी है । इससे प्रातः उठनेपर आपके लिए सब सेवा करना सरल ……

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आपातकालमें देवताको ऐसे करें प्रसन्न ! (भाग-११)


प्रसाद बनाते समय नामजप करनेका प्रयास किया करें ! इससे आजकल अन्न व शाकमें जो भी अशुद्ध तत्त्व होते हैं वे नष्ट हो जाते हैं एवं भोज्य प्रसाद देवताके तत्त्वसे भारित हो जाता है । यदि प्रसाद बनाते समय मनमें बहुत विचार आने लगे तो बोलकर नामजप करें …..

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आपातकालमें देवताको ऐसे करें प्रसन्न ! (भाग-९)


आपने देखा है या नहीं मुझे ज्ञात नहीं है; किन्तु जगन्नाथपुरी मन्दिरमें आज भी महाप्रसाद मिट्टीके पात्रमें और लकडीकी अंगीठीपर ही बनता है । वहां प्रतिदिन लाखों लोग महाप्रसाद ग्रहण करते हैं तो क्या वे आधुनिक यन्त्रों एवं …..

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आपातकालमें देवताको ऐसे करें प्रसन्न ! (भाग-८)


अन्न ब्रह्म है’, यह सामान्यसा बोध आज गृहस्थोंको नहीं है, यदि वे किसी सामग्रीका उपयोग नहीं कर रहे हैं तो उसे किसी और को दे दें, यह भी उनसे नहीं होता है । प्रशीतककी (फ्रिजकी) भी स्थिति कुछ ऐसी ही होती है। उसमें भी अनेक वस्तु ठूंसकर रख देते हैं ……

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