दुर्जन जब छोटे स्तरका कुकर्म करे, तभी उसे कठोर दण्ड देना चाहिए । पुलवामा आतंकी आक्रमणका मुख्य आत्मघाती (आतंकी) एक समयका पत्थरबाज था । यदि उसे उसी समय कठोर दण्ड दिया जाता तो आज भारत माताके अनेक सैनिकोंको इस स्वतन्त्र देशमें हम नहीं खोते ! हमारी राजतन्त्रकी न्यायप्रणाली ही दोषपूर्ण है; इसलिए हमें यह दिन देखना पडता है ।
Leave a Reply