ब्रह्मचर्यकी शक्ति : प्रसिद्ध गामा पहलवान, जिसका मूल नाम गुलाम हुसैन था, उससे एक पत्रकार जैका फ्रेडने पूछाः “आप एक सहस्रसे भी अधिक मल्ल(कुश्तियां) खेल चुके हैं और आज तक पराजित(हारे) नहीं हुए हैं । आपकी इस विजयका रहस्य क्या है ?” गुलाम हुसैन (गामा पहलवान) ने कहाः “मैं किसी स्त्रीकी ओर वासनाकी दृष्टिसे नहीं देखता हूं । मैं जब मल्लभूमिमें(अखाडे) उतरता हूं तो गीताके महानायक श्रीकृष्णका ध्यान करता हूं और उनसे बल हेतु प्रार्थना करता हूं । इसीलिए सहस्रों कुश्तियोंमें, मैं एक कुश्ती भी हारा नहीं हूं, यह संयम, ब्रह्मचर्य और श्रीकृष्णकी ध्यानकी महिमाका परिणाम है।” ।-तनुजा ठाकुर
Leave a Reply