अध्यात्म

आपातकालमें देवताको ऐसे करें प्रसन्न ! (भाग-७)


आजकल अनके स्त्रियां काले वस्त्र पहनकर भोजन बनती हैं । काले रंगके वस्त्रको हिन्दू धर्ममें मात्र विशेष कारणोंसे एवं विशेष लोगोंको या पन्थको पहननेकी अनुमति है । सामान्य हिन्दुओंने काले वस्त्र नहीं पहनना चाहिए …..

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आपातकालमें देवताको ऐसे करें प्रसन्न ! (भाग-६)


आप जिस पात्रमें (बर्तनमें) अपने नित्यका प्रसाद (भोजन) पकाते हैं उसे स्वच्छ रखें । मैंने अनेक घरोंमें देखा है कि प्रसाद बनानेका पात्र पीछेसे बहुत ही अस्वच्छ होता है । आजकल तो गैसकी अंगीठी होती हैं तो भी यदि आपके पात्र अस्वच्छ रहते हैं तो समझ लें कि ……

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आपातकालमें देवताको ऐसे करें प्रसन्न ! (भाग-४)


जब हम प्रातः काल अन्नपूर्णा कक्षमें अपनी सेवा आरम्भ करते हैं तो सर्वप्रथम उन्हें प्रार्थना करें, “हे अग्निदेव, मैं आजकी सेवा आपकी कृपासे आरम्भ कर रही हूं, आप इस आपातकालमें भी हमारे लिए यहां इस आधुनिक माध्यम …..

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आपातकालमें देवताको ऐसे करें प्रसन्न ! (भाग-५)


अन्नपूर्णा कक्षमें एक और बात जो शुचिताके सम्बन्धमें सदैव ध्यान रखना चाहिए, वह जूठनके विषयमें है । आजकल धर्माचरण न सिखानेके कारण या आलस्यके कारण अथवा भोज्यपदार्थ व्यर्थ न हो या ‘पवित्रता’……

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 आपातकालमें देवताको ऐसे करें प्रसन्न ! (भाग-३)


अन्नपूर्णा कक्षमें देवत्व निर्माण करने हेतु या आपको यह स्मरण रहे कि यह आपका रसोईघर नहीं है; इसलिए अन्नपूर्णा माताकी एक छोटीसी पीतलकी या चांदीकी मूर्ति किसी शुक्रवार लाकर अपने अन्नपूर्णा कक्षमें रखे ! इससे आपको यह ज्ञात होगा कि यह कक्ष भोजन ……

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गुरु धारण करेने सम्बंधित कुछ दृष्टिकोन


 कुछ साधक, गुरु धारणकर लेते हैं; किन्तु गुरुके बताए अनुसार साधना नहीं करते हैं । उनके लिए गुरु धारण करना मात्र एक कर्मकाण्ड होता है अर्थात मानसिक सन्तुष्टि हेतु वे ऐसा करते हैं । कुछ तो आजके कुछ सुप्रसिद्ध तथाकथित गुरुओंके आश्रमसे इसलिए जुडते हैं कि उनकी स्वार्थसिद्धि हो ! ऐसे लोगोंकी आध्यात्मिक प्रगति नहीं […]

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आपातकालमें देवताको ऐसे करें प्रसन्न ! (भाग-२) 


हम सर्वप्रथम अन्नपूर्णा कक्षमें देवत्व निर्माण करने हेतु तथ्य देखेंगे । कल आपको बताया ही था कि अन्नपूर्णा कक्षमें (रसोईघरमें) बिना स्नान किए न जाएं, वैसे ही यह बताना चाहती हूं जैसा भाव हम अपने देवघरके ……

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आपातकालमें देवताको ऐसे करें प्रसन्न ! (भाग-१)


रात्रिमें सोनेके पश्चात बिना स्नान किए अन्नपूर्णा कक्षमें न जाएं ! यह घरके सभी सदस्योंपर लागू होता है । इससे एक तो आपमें प्रातः सूर्योदयसे पूर्व स्नान करनेकी वृत्ति निर्माण होगी एवं अन्नपूर्णा कक्ष अर्थात साक्षात ……

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संन्यासीसे बडा कर्मयोगी कोई नहीं होता !


कुछ लोग कहते हैं कि संन्यासी अकर्मण्य या आलसी होते हैं । वस्तुतः ईश्वरप्राप्ति या गुरुकृपा पानेको इच्छुक संन्यासीसे बडा कर्मयोगी कोई नहीं होता । परशुराम जन्मस्थलीके महन्त परम पूज्य बद्री बाबा इसके एक अच्छे उदाहरण ……

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संन्यास आश्रम अन्तिम आश्रम होनेका कारण !


अगस्त १९९८ की बात है । मैं कुछ माह पहले ही सनातन संस्थाकी पूर्णकालिक साधक बन हरियाणाके फरीदाबादमें सनातनके सेवाकेन्द्रमें आई थी ! उस समय हम कुछ साधक मध्याह्नका (दोपहरका) प्रसाद किसी गृहस्थ साधकके घर लिया करते थे । मेरी निरीक्षण क्षमता अच्छी है तो मैंने पाया कि जिस सुघडतासे स्त्रियोंको अपने घरको सम्भालना चाहिए, […]

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