शंका समाधान

शंका समाधान

मेरी कुलदेवी समुदा मां है, परन्तु मुझे मेलदी मांका जप करनेका मन करता है; कृपया मेरा योग्य मार्गदर्शन करें - अल्पेश, सूरत


शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति हेतु अपने गुरुमन्त्रका या वह न मिला हो तो अपने कुलदेवताका (जिसमें कुलदेव एवं कुलदेवी दोनों ही होते हैं) और यदि कुलदेवताका नाम नहीं ज्ञात हो तो सप्त उच्च देवता (शिव, गणेश, दत्तात्रेय, हनुमान, कृष्ण, राम या दुर्गाका) जप करना उचित होता है……

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भावनावश किसीके लिए साधना न करें !

एक व्यक्तिने कहा, "मेरी बहन अनेक शारीरिक रोगोंसे ग्रसित होनेके कारण उनका मन शान्त नहीं रहता है; इसलिए वे नामजप नहीं कर पाती हैं, क्या मैं उनके लिए जप कर सकता हूं ?


एक व्यक्तिने कहा, “मेरी बहन अनेक शारीरिक रोगोंसे ग्रसित होनेके कारण उनका मन शान्त नहीं रहता है; इसलिए वे नामजप नहीं कर पाती हैं, क्या मैं उनके लिए जप कर सकता हूं ?

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कुत्ते-बिल्ली जैसे पशुओंको घरमें अपने साथ कक्षमें रखनेसे वास्तुमें अशुद्धि कैसे फैलती है ? (भाग – ३)


“जब बचपनमें हमें (भाई-बहनोंको), हमारे पिताजी कुत्तेको घरमें नहीं लाने देते थे तो एक दिवस मैंने जिज्ञासावश पूछा उनसे पूछा, “यदि कुत्तेको घरमें लाकर रखेंगे तो क्या होगा ?” उन्होंने कहा, “वह पशु है, उसे कितना भी प्रशिक्षित किया जाए…..

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कुत्ते-बिल्ली जैसे पशुओंको घरमें अपने साथ कक्षमें रखनेसे वास्तुमें अशुद्धि कैसे फैलती है ? (भाग – २)


कुत्ते-बिल्ली जैसे पशु प्रवृत्तिसे मांसाहारी होते हैं; इसलिए वे, उनके केश व मल-मूत्र, सब तमोगुणी होते हैं, चाहे आप उन्हें मांसाहर न करवाएं; किन्तु जीवका वर्गीकरण उसकी प्रवृत्ति अनुरूप सात्त्विक, राजसिक एवं तामसिक श्रेणीमें किया गया है….

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कुत्ते-बिल्ली जैसे पशुओंको घरमें अपने साथ कक्षमें रखनेसे वास्तुमें अशुद्धि कैसे फैलती है ? (भाग – १)


घरमें यदि अतिरिक्त कक्ष या स्थान न हो तो कुत्ते-बिल्ली जैसे पशुको अपने घरमें न रखें और यदि रखते हैं तो उसे घरमें प्रवेश न दें, इससे घरमें अपवित्रता निर्माण होकर वास्तुदोष लगता है, इसपर ‘फेसबुक’पर श्री प्रशान्त वर्माने एक प्रश्न पूछा है….

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शंका समाधान

मैं दुबईमें चाकरी (नौकरी) करता हूं, आपके सत्संगोंसे कुलदेवताका महत्त्व ज्ञात हुआ, कुछ दिवस पश्चात भारतमें अपनी पुत्री और पत्नीके साथ कुलदेवीके दर्शन हेतु जानेवाला हूं, कृपया बताएं कि हम ऐसा क्या करें कि हमें उनका अधिकाधिक आशीर्वाद प्राप्त हो । - प्रमोद राणा, दुबई


मैं दुबईमें चाकरी (नौकरी) करता हूं, आपके सत्संगोंसे कुलदेवताका महत्त्व ज्ञात हुआ, कुछ दिवस पश्चात भारतमें अपनी पुत्री और पत्नीके साथ कुलदेवीके दर्शन हेतु जानेवाला हूं, कृपया बताएं कि हम ऐसा क्या करें कि हमें उनका अधिकाधिक आशीर्वाद प्राप्त हो । – प्रमोद राणा, दुबई

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शंका समाधान


एक साधकने पूछा है कि क्या मैं अपनी पत्नीके साथ पूर्ण समय आकर आपके आश्रममें साधना कर सकता हूं ?
इस शंकाके समाधानसे अन्य ऐसे साधकोंको लाभ हो; अतः इसे उत्तरके साथ प्रकाशित कर रही हूं….

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प्रश्न : ईश्वर हमें दुःख क्यों देते हैं ?


उत्तर : ईश्वर हमें दुःख नहीं देते, हमें दुःख हमारे संचित या प्रारब्ध अनुसार कर्मफलके कारण मिलता है या योग्य प्रकारसे साधना और धर्माचरण न करनेके कारण प्राप्त होता है । दु:ख हमें अन्तर्मुख करता है और जिस प्रकार सोना तपकर कुन्दन बनता है, उसी प्रकार दुःख हमें सुखकी अपेक्षा अधिक सिखाकर ईश्वरके उन्मुख करता […]

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प्रथम कर्मकी उत्पति कैसै हुई ?

यू-ट्यूबकी हमारी 'वैदिक उपासना' वाहिनीपर (चैनलपर) सिद्धार्थ नामक एक व्यक्तिने एक प्रश्न पूछा है जिसके उत्तरसे समष्टिको भी लाभ होगा; अतः उसका उत्तर यहां प्रकाशित कर रही हूं, प्रश्न इस प्रकार है -
प्रथम कर्मकी उत्पति कैसै हुई ?


उत्तर : जब जीवकी ब्रह्मसे उत्पत्ति हुई तो जीव, ब्रह्म समान ‘अहम् ब्रह्म अस्मि’के भावमें ही रहता था; अतः कर्मरत होनेपर भी उसके सर्व कर्म, अकर्म होते थे…

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अग्निहोत्रसे सम्बन्धित शंका समाधान (भाग-१)


कुछ जिज्ञासु एवं साधक वैदिक उपासना पीठसे जुडकर अग्निहोत्र आरम्भ कर चुके हैं और कुछ करनेवाले हैं, ऐसेमें वे इससे सम्बन्धित प्रश्न पूछते हैं तो मैंने सोचा ऐसे प्रश्न अन्य लोगोंके भी मनमें हो सकते हैं; इसलिए उन्हें जो उत्तर ……

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