अबला नारीपर अत्याचार करनेवाले नरको वैदिक सनातन धर्ममें पुरुष नहीं, ‘असुर’ कहते हैं; क्योंकि पुरुष तो कभी नारी, वृद्ध और बालकपर अत्याचार कर ही नहीं सकता; अपितु जहां पुरुष रहते हैं, वहां यह सब रात्रिमें भी निश्चिन्त होकर एकाकी घूमते हैं, ऐसा शास्त्रवचन है । यदि पुरुषके रहते हुए ये सारे क्लेशमें रहें, स्त्रियां असुरक्षित […]
आज अनेक हिन्दू श्रीकृष्णकी एकांगी भक्ति करते हैं । एकांगी शब्दका प्रयोग इसलिए कर रही हूं; क्योंकि जिस कृष्णने इस जगतको क्षात्रधर्म साधनाका महत्त्व सिखाया, अन्यायका प्रतिकार करना सिखाया, उनकी बताई हुई गीताको ऐसे कृष्णभक्त रट तो लेते हैं, उसका बडे सुन्दर शब्दोंमें विवेचन भी करते हैं; परन्तु जब प्रत्यक्ष धर्मपर आघात होता है तो […]
ब्रह्मचर्यकी शक्ति : प्रसिद्ध गामा पहलवान, जिसका मूल नाम गुलाम हुसैन था, उससे एक पत्रकार जैका फ्रेडने पूछाः “आप एक सहस्रसे भी अधिक मल्ल(कुश्तियां) खेल चुके हैं और आज तक पराजित(हारे) नहीं हुए हैं । आपकी इस विजयका रहस्य क्या है ?” गुलाम हुसैन (गामा पहलवान) ने कहाः “मैं किसी स्त्रीकी ओर वासनाकी दृष्टिसे नहीं देखता […]
एक व्यक्ति जो फेसबुकपर मेरा लेख पढते थे, एक दिवस मुझसे मिलने आए, उन्होंने अध्यात्म में प्रगति करने हेतु मुझसे कुछ तथ्य पूछे, मैंने भी उन्हें उनके लिए जो आवश्यक था, सब कुछ बताया। उसी संध्या उनका मेरे पास पत्र आता है उसमें उन्होंने मुझे ‘सखी’ ऐसा सम्बोधन कृतज्ञता व्यक्त की थी ! मैंने उन्हें […]
वर्ष १९९८ में जब मैंने अपने श्रीगुरुको प्रथम बार कहते सुना कि २००५ से २०२२ तकका काल विनाशकारी होगा और इस कालमें भक्ति ही हमारा एकमात्र कवच होगा तो उसी समयसे अपना सर्वस्व श्रीगुरु चरणोंमें अर्पित कर, हिंदुओंको इस तथ्य को बार बार बताकर भक्ति बढाने हेतु अपना समाजको जागृत करनेका प्रयास करती रही हूं […]
आज अनेक साधक प्रवृत्तिके व्यक्ति अन्तर्जालपर (इन्टरनेट) अपना समय व्यर्थ करते हैं, जबकि आनेवाला विनाशक कालमें मृत्यु मुंह बाए खडी हो, ऐसेमें अन्तर्जालपर समय व्यर्थ करना, एक अक्षम्य पाप है, यह सभी साधक ध्यान रखें ! एकसे दो वर्षके अन्दर तीसरा महायुद्ध आरम्भ हो जाएगा ! ऐसेमें आपकी भक्ति ही आपका रक्षण करेगी और इस […]
देखिये ! हिन्दू धर्ममें नपुंसक प्रवृत्तिको प्रसारित करने हेतु किसीने कभी कह दिया होगा कि महाभारत घरमें नहीं रखना चाहिए और हिंदुओंने इस तथ्यको सत्य मान लिया, जबकि वह ग्रंथ चार वेदोंके पश्चात विश्वकी सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ है और पंचम वेद समान है। आज एक महानुभाव कहने लगे महाभारतमें कृष्ण अर्जुनका चित्र वास्तु शास्त्र सम्मत नहीं […]
बाह्य सत्संगके सभी प्रकार में संतों का सान्निध्य सर्वश्रेष्ठ सत्संग है। संत तुलसीदास रमचरितमानस के बालकांड में कहते हैं – बटु बिस्वास अचल निज धरमा। तीरथराज समाज सुकरमा॥ सबहि सुलभ सब दिन सब देसा। सेवत सादर समन कलेसा॥6॥ भावार्थ:-(उस संत समाज रूपी प्रयाग में) अपने धर्म में जो अटल विश्वास है, वह अक्षयवट है और […]
मौलवी सम्पूर्ण विश्वको इस्लामिक बनाने हेतु प्रयत्नशील रहते हैं और विश्वके सभी मुसलमान उनके इस उद्देश्यको सफल बनाने हेतु सहभागी होनेका प्रयास करते हैं। ईसाई सुदूर वनक्षेत्रमें जाकर मानवताका ढोंग कर अनपढ, दरिद्र और बेरोजगारको ईसाई बनाते हैं और उसमें भी सभी ईसाई अपनी सहभागिता दर्शाते हैं। हिन्दु देवी देवताओंकी चित्र-विचित्र आकार और सामग्रीसे देवताओंका […]
निधर्मी भीडसे न समाजका उत्थान हुआ है न राष्ट्र का तथा न ही कोई आंदोलन यशस्वी हुआ है । इतिहास इसका साक्षी है ! इसके विपरीत मुट्ठी भर कर्तव्यनिष्ठ, धर्मपरायण हिन्दू, सम्पूर्ण विश्वमें सनातन धर्मका झण्डा लहरानेका सामर्थ्य रखते हैं ! -तनुजा ठाकुर