विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग (काशी) भूत-भावन भगवान शिवके द्वादश ज्योतिर्लिंगोंमें सातवां ज्योतिर्लिंग प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग है । काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेशके काशी(वाराणसी-बनारस) नगरमें गंगा तटके दशाश्मेघ घाटके निकट स्थित है । भगवान भोलेनाथके त्रिशूलपर विराजती यह अविचल काशी त्रैलोक्यमें न्यारी है । निराकार महेश्वर ही यहां श्री विश्वनाथके रूपमें विद्यमान हैं । काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंगकी […]
कपडे बदलना, छायाचित्र खिंचवाना, एक-दूसरेसे मिलना’, ऐसी बातोंसे विवाहविधिकी निरंतरताको खंडित करनेवाले तथाकथित हिंदु एवं उन्हें इस संदर्भमें कुछ बोध न देनेवाले पुरोहित ! विवाहमुहूर्तके उपरांत तत्काल कन्यादान विधि करनेसे आध्यात्मिक लाभ होता है; परंतु आजकल विवाहमुहूर्तके उपरांत कपडे बदलना, छायाचित्र खिंचवाना, एक-दूसरेसे मिलना, जैसी बातोंमें २-३ घंटे व्यतीत किए जाते हैं । उस समय […]
समान्यतः हम मानते हैं की विद्युत बैटरी का आविष्कार बेंजामिन फ़्रेंकलिन ने किया था, किन्तु आपको यह जानकार सुखद आश्चर्य होगा की बैटरी के बारे में सर्वप्रथम एक हिन्दू ने विश्व को बतलाया । यह जानकारी नरेश आर्य जी के सौजन्य से प्राप्त हुई है। अगस्त्य संहिता में महर्षि अगस्त्य ने बैटरी निर्माण की विधि […]
अ. पत्नीको धर्मपत्नी कहना : धर्मने पत्नी स्वीकारनेकी अनुमति दी है, इसलिए वैदिक पद्धतिसे विवाह करनेपर उस पत्नीको ‘धर्मपत्नी’ कहते हैं । आ. अधिकारकी अपेक्षा उत्तरदायित्वका भान अधिक : जब सात्त्विकताका संस्कार कर विवाह संपन्न होता है, तब पति एवं पत्नीका एक-दूसरेसे व्यवहार केवल शारीरिक स्तरपर न होकर, मानसिक स्तरका भी होता है । वे […]
यज्ञोपवीतका महत्त्व :- यज्ञ रूपी परमात्माके लिए जो प्रतिज्ञा सूत्र धारण करता है, उसे यज्ञोपवीत(जनेऊ) कहते हैं । उपवीती भवेन्नित्यं विधिरेषः सनातनः । अर्थात् – सदा उपवीती होकर रहे, यह सनातन विधि है । हमारा जीवन उद्देश्यमय जीवन है । जो व्यक्ति निरुद्देश्य जीते हैं खाते, पीते, सोते, कमाते, स्त्री सेवन करते और मर […]
पश्चिमी संस्कृतिका अंधानुकरण कर अनेक लोग मोमबत्तियां जलाकर एवं केक काटकर जन्मदिन मनाते हैं । मोमबत्ती तमोगुणी होती है; उसे जलानेसे कष्टदायक स्पंदन प्रक्षेपित होते हैं । उसी प्रकार हिंदू धर्ममें `ज्योत बुझाने’ की कृति अशुभ एवं त्यागने योग्य मानी गई है । इसीलिए जन्मदिनपर मोमबत्ती जलानेके उपरांत उसे जानबूझकर न बुझाएं । source […]
हिन्दू धर्ममें विवाहके समय वर-वधूद्वारा सात वचन लिए जाते हैं । इसके पश्चात् ही विवाह संस्कार पूर्ण होता है । विवाहके पश्चात् कन्या वरसे पहला वचन लेती है कि- प्रथम वचन इस प्रकार है – तीर्थव्रतोद्यापनयज्ञ दानं मया सह त्वं यदि कान्तकुर्या:। वामांगमायामि तदा त्वदीयं जगाद वाक्यं प्रथमं कुमारी।। अर्थ – इस श्लोकके अनुसार कन्या […]
विवाहमें मुहूर्तका महत्त्वके बारेमें जानें तथा इसका भी शास्त्र समझ लें | प्रातः ४ से ५ (ब्राह्ममुहूर्त, ब्राह्मकाल) : इस कालमें अस्त होनेवाली चंद्रमाकी तरंगें प्रखर ब्राह्मतेजके लिए तथा उदित होनेवाले अर्थात प्रकट होनेवाले सूर्यकी तेज-तरंगें शांत, संयमी क्षात्रतेजके लिए पूरक होती हैं । यह काल प्रखर ब्राह्मतेजके लिए पूरक होता है, इसलिए इसे ब्राह्ममुहूर्त […]
हमारा जीवन एक अतिथि समान होना चाहिए । जब हम किसीके घर अतिथि बन कर जाते हैं तो हमें पता होता है कि हम उनके अतिथि हैं और हमें जो भी भोजन दिया जाता है उसे आनन्दसे ग्रहण करते हैं । उसी प्रकार हमारे जीवनके सुख-दु:ख हमने सहर्ष स्वीकार करने चाहिए । – परात्पर गुरु […]
जन्म हिन्दु और कर्म हिन्दुमें क्या भेद है ? जन्म हिन्दु अर्थात जो समझता है कि मात्र हिन्दु कुलमें जन्म लेनेसे मैं हिन्दू कहलाने योग्य हो गया और उसे लगता है हिंदु धर्म स्वयंभू है अतः वह नष्ट नहीं हो सकता अतः समाजमें हो रहे धर्मग्लानिको देखकर वह मौन रहता है और न ही वह […]