आजकल अनेक लोग अपने घरमें सूख रहे वस्त्रोंको रात्रिमें छतपर ही सूखने हेतु छोड देते हैं । ऐसा करना अनुचित है; क्योंकि रात्रिके कालमें अनिष्ट शक्तियां विचरण करती हैं और उन्हें हमारे वस्त्रोंसे हमारा वलय ज्ञात हो जाता है, ऐसेमें वे हमपर…………
जून २०१६ में मैंने अपने श्रीगुरुको पूछा था कि उपासनाके प्रत्येक उपक्रममें अनिष्ट शक्तियां इतना अधिक विघ्न उत्पन्न क्यों करती हैं ? हमारा कार्य तो अभी नगण्य समान ही है ! मैंने यह प्रश्न इसलिए पूछा था क्योंकि मुझे लगा कि यदि मुझसे कोई चूक हो रही हो तो मैं उसमें सुधार कर सकती हूं […]
पिछले दो वर्षोंसे सर्दीकी ऋतुने मुझे बताया कि मेरा स्वास्थ्य कितना बिगड चुका है | वर्ष २०१७ की सर्दीमें देहलीमें थी, तभी मेरे लिए वे दो माह निकालना बहुत कठिन…..
वर्तमानकालमें सभीके घरोंमें आधुनिक उपकरण एवं अन्य वस्तुओंका प्रमाण अत्यधिक होनेके कारण अनेक लोग घरकी रंगाई-पुताई ऐसे रंगसे (पेंटसे) करते हैं, जिससे वे अनेक वर्ष ‘गन्दे’ न हों या निकले नहीं और उन्हें प्रत्येक वर्ष रंगाई-पुताईका श्रम न करना पडे । मैंने अपने सूक्ष्म शोधसे पाया है कि गोबर एवं मिट्टीकी पुताईके पश्चात, चूनेकी पुताई […]
फरवरी २०१३ में धर्मयात्राके मध्य मैं दुबई गई थी । उस समय मैं अपने धर्मयात्राकी समय सारिणी ‘फेसबुक’पर डलवा दिया करती थी ! एक दक्षिण भारतीय हिन्दू, जो दुबईमें रहते थे, वे मेरे लेखोंके कुछ वर्षोंसे पाठक थे, उन्होंने वहां होनेवाले…..
कुछ लोगोंको लगता है कि उनके सर्व कष्ट ग्रह-पीडाके कारण होते हैं, तो कुछ लोगोंको लगता है कि उनके सर्व कष्ट जादू-टोना, जारण-मारण इत्यादि किसीने उनपर किया है; इसलिए हो रहा है, तो कुछ लोग अपने सर्व कष्टोंका कारण…….
पितरोंके छायाचित्र घरमें दृष्टिके समक्ष नहीं रखने चाहिए, इसपर जब भी कभी किसी सत्संग या प्रवचनमें बताती हूं तो कुछ श्रोता अवश्य ही शंका समाधानके समय कहते हैं कि यदि कोई पण्डित, पुरोहित या विद्वान पुरुष ऐसा करनेके लिए कहते हैं….
राजस्थानके कोटा जनपदके श्री वैभव अग्रवालने पितरोंके छायाचित्रसे सम्बन्धित एक प्रश्न पूछा है, उनका प्रश्न इस प्रकार है - आपके लेखोंको पढनेके पश्चात यह तो समझमें आ गया है कि पूर्वजोंके छायाचित्र घरमें नहीं रखने चाहिए; परन्तु मेरे पास मेरे स्वर्गवासी दादा-दादीके छायाचित्र बैठक कक्षमें हैं । ऐसेमें यदि उन्हें बैठक कक्षसे हटा दें तो उन्हें कहां रखें और उन छायाचित्रोंका क्या करें ?
आपके बैठक कक्षमें रखे पितरोंके छायाचित्रोंका सर्वोत्तम उपाय यह होगा कि उन्हें ‘स्कैन’ कर अपने संगणकमें (कम्प्यूटरमें) संरक्षित कर रख लें एवं उनके छायाचित्रको स्वच्छ एवं बहते जलमें विसर्जित…..
पितरोंके छायाचित्र घरमें क्यों नहीं रखने चाहिए ?, इसका शास्त्र जान लें । किसी भी छायाचित्र अर्थात रूपके साथ उससे सम्बन्धित शब्द, स्पर्श, गंध, रस और शक्ति सहवर्ती होती हैं; अतः यदि पूर्वजको गति नहीं मिली हो तो उस छायाचित्र से काली……
कुछ लोग कहते हैं कि हमारे शास्त्रोंमें पितृपूजाका उल्लेख है । हां, शास्त्रोंमें ‘पितृपूजा’ यह शब्द अनेक स्थानोंपर प्रयोग किया गया है; किन्तु उसका भावार्थ पितरोंके छायाचित्रकी पूजासे कदापि नहीं है । जैसे कुछ आध्यात्मिक रूपसे……