आजके परिवेशमें साधनाके लिए समय नहीं मिलता, तो क्या करें ?


‘साधनाके लिए समय नहीं मिलता’, यह अडचन अधिकांश व्यक्ति बताया करते हैं और आज हम इसी विषयके बारेमें जानेंगे ।
बडे नगरोंमें प्रातःकालसे ही कार्यालय जानेकी भाग-दौड आरम्भ हो जाती है, ऐसेमें कार्यालयके लिए जाते समय, जब आप वाहनद्वारा प्रवास कर रहे हों, तब नामजप करनेका प्रयास करें । कलियुगके लिए योग्य साधना नामसंकीर्तनयोग है । आजकल नगरोंमें, विशेषकर महानगरोंमें (‘मेट्रोस’में ) एक विकृत पद्धति देखनेको मिलती है कि स्वयंके चार पहिये वाहनमें लोग जहां बैठते हैं, सीधे ‘एफएम रेडियो चैनल’ आरम्भ कर देते हैं और दिनका आरम्भ राजसिक और तामसिक गीतोंसे करते हैं । उसी समयका सदुपयोग आप नामजप हेतु कर सकते हैं ।
वाहनमें नामजपकी ध्वनि चक्रिका अर्थात सीडी लगा सकते हैं (यह हमारे पास उपलब्ध है) या किसी सन्तके गाए हुए भजन लगा सकते हैं या संस्कृत स्तोत्र लगा सकते हैं । ऐसा करनेसे नामजप हेतु पोषक वातावरण निर्माण हो जाता है और मन एकाग्रचित्त होकर नामजप करने लगता है । आधुनिक शोधके अनुसार, हमारे जीवनके ८०% शारीरिक और मानसिक समस्याएं ‘साइकोसोमेटिक’ (psychosomatic) होती हैं अर्थात अशान्त मनके कारण होती हैं; अतः हमें मनको शान्त रखनेके उपाय अवश्य ही करने चाहिए और मनको शान्त करनेका नामजपसे अच्छा और सरल साधन कुछ हो ही नहीं सकता । नामजप करनेसे ईश्वरकी कृपा तो सम्पादित होती ही है, साथ ही मनमें आने वाले अनावश्यक विचार भी अल्प (कम) हो जाते हैं । ध्यानमें रखें, हमारे विचारोंकी संख्या जितनी अल्प (कम) होगी, हमारी व्यावहारिक और आध्यात्मिक क्षमता उतनी ही बढ जाएगी । चार पहिए गाडीमें आप अपने गुरु या इष्टदेवताके चित्र लगा सकते हैं, वाहन शुद्धि संच लगा सकते हैं (यह हमारे पास उपलब्ध है) । इन सबसे धीरे-धीरे आपका वाहन एक सात्त्विक स्थान बन जाएगा और आपकी साधनाका एक स्थल भी । यह मैं क्यों बता रही हूं; क्योंकि वाहनोंकी संख्यामें द्रुत गतिसे वृद्धि होनेके कारण सडकपर यातायात ठप्प (‘ट्रेफिक जाम’) रहता है और अनेक व्यक्तियोंके दो-तीन घण्टे कार्यालयसे आते-जाते समय वाहनमें निकल जाते हैं । उस समयका सदुपयोग साधनाके लिए किया जा सकता है ।
 यह विषय मैं इसलिए बता रही हूं; क्योंकि जब नामजप करनेके लिए कहा जाता है तो सर्वप्रथम अधिकांश व्यक्ति यही कहते हैं कि नामजप करनेके लिए समय नहीं मिलता । यह कलियुग है, माया अपने चरमपर है; अतः हमें बुद्धिमानीसे अपनी दिनचर्यासे ही समय निकालकर साधना करनेका प्रयास करना चाहिए । जो बससे कार्यालय जाते हैं, वे भी नामजप करते हुए जा सकते हैं । आजकल अनेक व्यक्तियोंको देखा है, वे भ्रमणध्वनीमें (मोबाइलमें) चलचित्र गीत लगाकर बसमें प्रवास करते हैं । आप उनके स्थानपर नामजप हेतु पोषक आध्यात्मिक भजन, नामजप या स्तोत्र लगाकर सुननेका प्रयास करें ।  यदि आप सार्वजनिक वाहनसे प्रवास करते हैं, तो नामजप आरम्भ करनेसे पूर्व अपने गुरु या इष्टदेवतासे इस प्रकार प्रार्थना कर सकते हैं, “हे प्रभु, मैं अभी नामजप करने जा रही हूं/ रहा हूं, मेरा नामजप एकाग्रतापूर्वक होने दें, मेरे शरीर, मन एवं बुद्धिके चारों ओर अभेद्य सुरक्षा कवच निर्माण हो, जिससे कि आसपासके वातावरण एवं व्यक्तियोंके रज-तमके स्पन्दनोंका मुझपर प्रभाव न हो, और मैं अखण्ड नामजप करनेका प्रयास कर सकूं, ऐसी आप कृपा करें ।” इस प्रकारके प्रयास करनेसे कुछ ही दिनोंमें आप कितनी ही भीड-भाडवाले स्थानमें हों, आपका मन शान्त होकर नामजप करने लगेगा ।



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