श्रृंगार-युक्त शब्द प्रयोग, कोरा पांडित्य और दिखावटी स्तुतिसे कोई ढोंगी गुरुका चेला बन सकता है|
श्रृंगार-युक्त शब्द प्रयोग, कोरा पांडित्य और दिखावटी स्तुतिसे कोई ढोंगी गुरुका चेला बन सकता है, आत्मज्ञानी व्यक्तिकी कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है | यदि हमें पता चले कि कोई अध्यात्मविद संत हैं, तो मनसे किया नमन उन तक पहुंचता है; और हमारा उनके प्रति निरपेक्ष प्रेम, उनकी आज्ञाका पालन कर, साधना करना और उनके कार्यमें यथाशक्ति तन, मन, धन, बुद्धि और कौशल्य-अर्पण करनेसे उनकेद्वारा अर्जित ज्ञान, भक्ति और वैराग्यकी थाती हमें स्वतः ही प्राप्त होने लगती है !-तनुजा ठाकुर
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