अंग्रेजोंकी सत्तासे राष्ट्रको स्वतन्त्रता दिलानेमें ‘आजाद हिन्द फौज’की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भूमिका है; किन्तु कपटी कांग्रसीने इस सत्यको सदैव ही भारतियोंसे छुपाये रखनेका प्रयास किया है और भारतको स्वतंत्र करवानेका श्रेय गांधी-नेहरु लेते रहे हैं | खरे अर्थोंमें ख्रिस्ताब्द ४ जुलाईको हुई थी ‘आजाद हिन्द फौज’की स्थापना रासबिहारी बोसने जापानियोंके सहायतासे दक्षिण-पूर्वी एशियासे जापानद्वारा एकत्रित […]
छत्रपति शिवाजी महाराजके उपरान्त, देशको बाजीराव पेशवाके (प्रथम) रूपमें एक महापराक्रमी योद्धा प्राप्त हुआ । बाजीराव पेशवाने २१ वर्षोंके अपने गौरवशाली कार्यकालमें एक भी लडाई नहीं हारी । खड्ग (तलवार) चलानेमें दक्ष, निपुण अश्वारोही (घुडसवार), सर्वोत्तम रणनीतिकार और दक्ष नेताके रूपमें प्रख्यात बाजीराव प्रथमने मात्र बीस वर्षकी आयुमें अपने पितासे उत्तराधिकारमें पेशवाका दायित्व ग्रहण किया […]
कोलकातामें हुगली नदीके किनारे बैरकपुर नगरमें अंग्रेज सेनाकी बंगाल छावनी थी । सेनाकी वेशभूषामें सैनिक ‘परेड’ करते रहते थे । यहां एक बहुत शान्त और गम्भीर स्वभावका सैनिक सेनामें प्रविष्ट हुआ था । उसे केवल सात रुपये मासिक वेतन मिलता था । उसके एक सैनिक मित्रने एक दिन कहा, “अरे ! अधिक धन कमाना है […]
अ. वीर सावरकर, एक ओजस्वी हिन्दुत्वनिष्ठ नेता ‘विनायक दामोदर सावरकर’, अंग्रेजी सत्ताके विरुद्ध, भारतकी स्वतन्त्रताके लिए संघर्ष करनेवाले, उस महान हिन्दुत्वनिष्ठ सेनानीका, यह पूरा नाम था जिन्हें हम वीर सावरकरके नामसे जानते हैं । सावरकर, २० वीं शताब्दीके सबसे प्रखर हिन्दुत्ववादी नेता थे । उन्हें ‘हिन्दू’ शब्दसे अत्यन्त लगाव था । वह सदैव कहते थे […]
इस्लामी आक्रान्ताओंओंने भारतपर अनेक आक्रमण किए । भारतकी धनसंपदाको लूटा और भारतके हिन्दू राजाओं और उनकी प्रजाको डरा धमकाकर, उनपर धार्मिक कर, जजिया लगाकर तथा अनेकानेक अत्याचार कर उन्हें इस्लाम स्वीकार करनेको विवश किया । जिस भारतमें इस्लामका अंशमात्र नहीं था, उस भारतके कई राजा और प्रजा आक्रांताओंके भयसे धर्मपरिवर्तन कर लगे और भारतमें इसकारण […]
तात्या टोपे, जो ‘तांतिया टोपी’के नामसे भी विख्यात हैं, ख्रिस्ताब्द १८५७ के स्वतन्त्रतासंग्रामके उन महान् सैनिक नेताओंमेंसे एक थे, जो प्रकाशमें आए । ख्रिस्ताब्द १८५७ तक लोग इनके नामसे अपरिचित थे, परन्तु १८५७ की नाटकीय घटनाओंने उन्हेंअनायास अन्धकारसे प्रकाशमें ला खडा किया । इस महान विद्रोहके प्रारम्भहोनेसे पूर्व वह राज्यच्युत पेशवा बाजीराव द्वितीयके सबसे बडे […]
१७ फरवरी २०१७ को वीर सेनानी वासुदेव बलवन्त फडकेका स्मृतिदिवस है । आइए ! इस दिवसके उपलक्ष्यमें हम इस हुतात्माके विषयमें जानकर उनके प्रति अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त करें ! १. सशस्त्र संघर्षका जनक भारतमें जब १८५७ की क्रान्तिमें अंग्रेज भारतीयोंपर अत्याचार कर रहे थे, उस समय इस बालककी आयु मात्र १२ वर्ष थी; परन्तु यह […]
विक्रम संवत अनुसार माघ शुक्ल पक्ष एकादशीको अर्थात ७ फरवरीको भारतके महावीर महाराणा प्रतापजीका स्मृतिदिन है, उनके नामसे भारतीय इतिहास आज भी गूंजायमान है । वह भारत भूमिके ऐसे वीर सुपुत्र थे जिन्होंने मुगलोंको छठीका दूध स्मरण करा दिया था । इनकी वीरताकी कथासे भारतकी भूमि अत्यन्त गौरान्वित है । वह मेवाडकी प्रजाके प्राण थे […]