प्रेरक प्रसंग

प्रेरक कथा – सफल वही होता है जो लक्ष्यका निर्धारणकर उसपर अडिग रहता है


एक समयकी बात है, एक निःसन्तान राजा था, वह वृद्ध हो चुका था और उसे राज्यके लिए एक योग्य उत्तराधिकारीकी चिन्ता सताने लगी थी । योग्य उत्तराधिकारीकी शोध हेतु राजाने पूरे राज्यमें ढिंढोरा पिटवाया कि अमुक दिन संध्याको  ……

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प्रेरक प्रसंग – पांच मिनट


एक व्यक्तिको मार्गमें यमराज मिल गए । वह व्यक्ति उनका अभिज्ञान नहीं कर सका । यमराजने पीनेके लिए व्यक्तिसे जल मांगा, बिना एक क्षण गंवाए उसने जल पिला दिया । जल पीनेके पश्चात यमराजने बताया कि वे उसके प्राण लेने आए हैं; परन्तु तुमने मेरी प्यास …..

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प्रेरक कथा – जब सत्यभामाको हुआ रूपका अहंकार !


रानी सत्यभामाने श्रीकृष्णसे पूछा कि हे प्रभु ! आपने त्रेतायुगमें रामके रूपमें अवतार लिया था, सीता आपकी पत्नी थीं । क्या वे मुझसे भी अधिक सुन्दर थीं ? द्वारकाधीश समझ गए कि सत्यभामाको अपने रूपका अभिमान हो गया है …..

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प्रेरक कथा – लक्ष्यके प्रति एकनिष्ठ रहना बहुत बडा सद्गुण है !


महाभारतका युद्ध समाप्त हुआ । सभी कौरव तो युद्धमें मारे जा चुके थे । पाण्डव भी कुछ समयतक राज्य करके हिमालयपर चले गए । वहांपर एक, एक करके सभी भाई गिर गए । अकेले युधिष्ठिर अपने एक मात्र साथी कुत्तेके साथ बचे रहे और वे स्वर्ग गए । कहते हैं युधिष्ठिर जीवित ही स्वर्गमें गए […]

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प्रेरक कथा – वीर बालिका रत्नावती


जैसलमेर नरेश महारावल रत्नसिंह अपने दुर्गसे बाहर शत्रुओंका दमन करने गए थे । जैसलमेर दुर्गकी रक्षाका भार उन्होंने अपनी पुत्री रत्नावतीको सौंप दिया था । इसी समय देहलीके मुसलमान शासक अलाउद्दीनकी सेनाने जैसलमेरको घेर लिया । इस सेनाका सेनापति मलिक काफूर था …..

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प्रेरक कथा – कर्णकी उदारता


एक बार भगवान श्रीकृष्ण पाण्डवोंके साथ वार्तालापकर रहे थे । भगवान उस समय कर्णकी उदारताकी बार-बार प्रशंसाकर रहे थे । यह प्रशंसा अर्जुनको अच्छी नहीं लगी । अर्जुनने कहा, “श्यामसुंदर, हमारे ज्येष्ठ भ्राता धर्मराजजीसे बढकर …..

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प्रेरक कथा – दानवीर महाराज रघु


महाराज रघु अयोध्याके सम्राट थे । वे भगवान श्रीरामके प्रपितामह थे । उन्हींके नामसे उनके वंशज रघुवंशी कहे जाते हैं । एक अवसरपर महाराज रघुने एक विशाल यज्ञ किया । यज्ञ पूर्ण होनेके पश्चात महाराजने ब्राह्मणों एवं दीन दुखियोंको अपना समस्त धन दानकर दिया । वे इतने महान दानी थे कि उन्होंने अपने आभूषण, सुन्दर […]

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प्रेरक प्रसंग – तीन मछलियां


एक जलाशयमें पिया, रिया और चिया नामक तीन मछलियां रहती थी | वे आपना जीवन जलमें क्रीडाकर व्यतीत कर रही थीं | एक दिवस कुछ मछुआरे उस जलाशयपर आए और देखकर कहने लगे कि यहां बहुत मछलियां हैं | कल यहां जाल बिछाएंगें | इस प्रकार मछुआरे दूसरे दिनका कार्यक्रम तय करके चले गए । […]

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प्रेरक प्रसंग – चोर और महात्माका ज्ञान


एक गांवमें एक बूढा चोर रहता था । उसने अपने बेटेको भी चोरीकी कला सिखाकर चोरीमें निपुण कर दिया । अब बेटा चोरी करता और दोनों बाप बेटे सुख-सुविधासे जीवन बिताते । बूढे चोरकी बेटेको कडी चेतावनी थी कि किसी साधू संतकी बातोंमें नहीं आना ।     एक दिन चोरके बेटेने सोचा, क्यों ना […]

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प्रेरक प्रसंग – हम सब निमित्त मात्र हैं !


    महाभारत युद्ध चल रहा था । अर्जुनके सारथी श्रीकृष्ण थे । जैसे ही अर्जुनका बाण छूटता, कर्णका रथ कोसों दूर चला जाता । जब कर्णका बाण छूटता तो अर्जुनका रथ सात पग पीछे चला जाता । श्रीकृष्णने अर्जुनके शौर्यकी प्रशंसाके स्थानपर कर्णके लिए प्रत्येक बार कहते कि कितना वीर है यह कर्ण ? […]

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