हमारा देश, प्रजातन्त्रके योग्य नहीं, इसका प्रमाण यदि देखना हो तो संसदमें होनेवाले सांसदोंकी कार्यपद्धतिको देखें । वहांका दृश्य देखकर, मछली हाट स्मरण हो जाता है । मछलीके हाटमें कोलाहल और दुर्गन्धके मध्य मछलियोंका व्यवसाय तो कमसे कम होता है । हमारे सांसद तो जैसे संसद भवनमें होनेवाले सत्रोंमें, मात्र अवकाश लेने हेतु ही जाते […]
पाकिस्तान पुनः पुराना राग अलापते हुए कह रहा है कि वह भारतके साथ बिना किसी प्रतिबन्ध (शर्त) वार्तालापके लिए सिद्ध है । इस अधम शत्रुराष्ट्रको यह बतानेका समय आ गया है कि हम उससे किसी भी स्थितिमें वार्तालाप करनेको इच्छुक नहीं है और अब युद्ध ही मात्र उसकेद्वारा किए गए सर्व पापोंका एकमात्र पर्याय है; […]
हिन्दुओ ! बंगाल कश्मीर बननेके मार्गपर है, वहांकी साम्प्रदायिक हिंसासे पीडित हिन्दू अपने घरोंसे पलायन कर रहे हैं । अपने ही देशमें कट्टरपंथियोंको पाठ पढानेके स्थानपर शरणार्थी बननेवाले हिन्दू पता नहीं कब अपनी क्षात्रवृत्तिका प्रदर्शन करना आरम्भ करेंगे ? आश्चर्य है, क्या यह वही बंगाल है जो मात्र सात दशक पूर्व तक वीर क्रान्तिकारियोंकी जन्मस्थली […]
पाक पुरस्कृत आतंकवादसे हमारे शासकवर्ग कुछ सीखेंगे क्या ? विषैले सांपको दूध नहीं पिलाना चाहिए, अपितु उसके फनको कुचलकर उसे मार देना चाहिए ऐसा शास्त्रवचन है, नगरोटा काण्डके आतंकवादी भी हमें यह सीख दे रहे हैं । हम धूर्त एवं अधम पडोसी राष्ट्रसे वार्तापर वार्तापर करते रहते हैं और वे हमसे कई वर्षों पूर्व हुए […]
बिग बॉस जैसे आदर्शहीन धारावाहिकद्वारा ढोंगी सन्त, स्वामी ॐको उसमें सहभागी बनाकर हिन्दू सन्तोंको कलंकित करनेका एक पूर्व-नियोजित षड्यन्त्र किया जा रहा है । ऐसे ढोंगी गुरु एवं ऐसे फूहड कार्यक्रमोंका हिन्दुओंद्वारा व्यापक निषेध किया जाना चाहिए । – तनुजा ठाकुर
जिस देशकी स्त्रियोंने वासनान्ध मुसलमानोंकी शरणमें जाकर, धर्मान्तरित एवं बलात्कार पीडिताके रूपमें जीनेकी अपेक्षा जौहर करना अधिक उचित समझा, उसी देशकी स्त्रियां और युवतियां आज धर्माभिमानके अभावमें स्वेच्छासे मुसलमानोंके संग प्रेमकर, निकाह करती हैं और ‘लव जिहाद’के चंगुलमें फंसकर अपने जीवनका सर्वनाश कर लेती हैं । देशमें दिन प्रतिदिन ‘लव जिहाद’के प्रकरणोंमें वृद्धि हो रही […]
शरणार्थी बनकर आए मुसलमान, यूरोपमें अपना खरा रंग दिखाने लगे हैं और सम्पूर्ण यूरोप उनके दुष्कृत्योंसे सन्तप्त होने लगा है । क्या भारतकी सरकार यूरोपसे कुछ सीखकर बांग्लादेशसे भारतमें अनाधिकृत रूपसे शरण लिए अनेक लक्ष(लाख) मुसलमानोंको यहांसे खदेडने हेतु शीघ्र अति शीघ्र कुछ उपाय योजना निकालेगी या यूरोप समान इस देशकी दुर्दशाकी प्रतीक्षा करेगी । […]
एक साधकने मुझसे कहा कि कुछ लोग आपके सुवचनोंको अपने नामसे अनेक व्हाट्सएप गुटोंमें साझा कर रहे हैं । मैंने कहा, “कोई बात नहीं, ऐसे लोगोंका मृत्यु उपरान्त ब्रह्मराक्षसका पद सुनिश्चित है जो एक अत्यन्त यातनादायक योनि होती है
स्वतन्त्र भारतमें अब भारत-पाकिस्तान सीमापर प्रतिदिन होनेवाले छद्म युद्धमें भारतीय सैनिकोंका हुतात्मा होना, इस देशके शासकवर्गके लिए सामान्य इस बात हो गई है । – तनुजा ठाकुर
आजके प्रजातन्त्रके स्वार्थान्ध नेतागण क्या कभी देश और समाजका भला कर सकेंगे ?
भारतकी प्रजातान्त्रिक व्यवस्थामें नेताओंकी न देशके प्रति निष्ठा रही, न समाजके प्रति और न ही अपने दलके प्रति !